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दशरूपक और नाट्यदर्पण में रस-स्वरूप एवं निष्पत्ति : एक तुलनात्मक विवेचन
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१६. रस-सिद्धान्त : इतिहास और मूल्यांकन : सम्पादक डॉ. रामगोपाल शर्मा और प्रतापचन्द्र जैसवाल,
समीक्षा लोक कार्यालय, आगरा १९७८ । १७. इस-विमर्श : डा. राममति त्रिपाठी, विद्यामन्दिर. वाराणसी. प्रथम संस्करण १९६५ । १८. रसगं.-रसगंगाधर-पण्डितराज जगन्नाथ, बदरीनाथ झा और मदन मोहन झा, प्रथम आनन, चौखम्बा
विद्याभवन, वाराणसी, द्वितीय संस्करण १९६४ । १९. लो०-लोचन, ध्वन्यालोक पर अभिनवगुप्त की टीका (ध्वन्यालोक से उद्धृत) . संस्कृत-नाट्य-सिद्धान्त : डॉ. रमाकान्त त्रिपाठी, चौखम्बा विद्याभवन, वाराणसी, प्रथम संस्करण
२१. साधारणीकरण एक शास्त्रीय अध्ययन : डा० रामलखन शुक्ल; साहित्य सदन, देहरादून, प्रथम
संस्करण १९६७। २२. सा० द०-साहित्य दर्पण : विश्वनाथ; शालग्राम शास्त्री, मोतीलाल बनारसीदास, दिल्ली, सप्तम
संस्कररण १९७३ । २३. साधारणीकरण और तादात्म्य : रामचन्द्र पुरी, पुस्तक प्रचार, गान्धीनगर, दिल्ली, प्रथम संस्करण
१९८३ । २३. हि. ना० द०-हिन्दी नाट्यदर्पण : रामचन्द्र-गुणचन्द्र, आचार्य विश्वेश्वर, हिन्दी विभाग, दिल्ली
विश्वविद्यालय, दिल्ली, प्रथम संस्करण १९६१ ।। २५. हिस्ट्री आफ संस्कृत पोयटिक्स : पी० वी० काणे, मोतीलाल बनारसीदास, दिल्ली, थर्ड एडिशन
१९६१ ।
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