Book Title: Ashtmangal Aishwarya
Author(s): Jaysundarsuri, Saumyaratnavijay
Publisher: Jinshasan Aradhana Trust

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Page 36
________________ 3. दीक्षार्थी के वरघोडेमें अष्टमंगल के 8 चढ़ावें । 4. दीक्षा के दिन दीक्षामंडपमें प्रवेश के समय दीक्षार्थीको शुभसगुन- मंगलकारक 8 मंगल के दर्शन करवाने के चढ़ावें । 5. दीक्षार्थी के माता-पिता का बहुमान करने का चढावा । (E) छ 'रि' पालक संघ : 1. संघपति को बहुमान, जैसे कि दूध से धोना - तिलकहार-साफा या चूनरी - शाल-श्रीफल - सन्मानपत्र अर्पण आदि करने का चढ़ावा । 2. संघ नीकालनेवाले को 'संघवी' पद जाहिर करने का चढ़ावा । (F) शासनस्थापना ( बैसाख सु. 11) के दिन उपाश्रय की छत पर शासनध्वज फहराने का चढ़ावा । (G) महोत्सव संबंधित साधारण का चढ़ावा । (I) 1. साधर्मिक भक्ति, नवकारसी, भोजन इत्यादि का नकरा या चढ़ावा। 2. फले चुनरी या झांपा - चुनरी की आमदनी । 3. कुमकुमपत्रिका में लिखितं प्रणाम - जय जिनेन्द्र लिखने का - चढ़ावा। 4. धार्मिक महोत्सव या व्याख्यान के लिए मंडप पर नामकरण का चढ़ावा । (H) श्री संघ की साधारण आय-व्यवस्था : 1. संघ सदस्यता का चढ़ावा । 2. सर्वसाधारण फंड - टीप- कायमी तिथि । 3. साधारण के भंडार की आमदनी । 4. तसवीर - तकती इत्यादी स्कीम की आमदनी । 5. पीढ़ी का मकान - दरवाजा इत्यादि के उपर नाम लिखने का चढ़ावा इत्यादि की आमदनी । 6. अपने जन्मदिन पर 100,200,500 रु. साधारण खाते में लिखवाना । Extra : 1. संघ प्रमुख 'को तिलक करने का चढ़ावा । 2. जो तो अवसर पर उपाश्रय में कंकु थापा करने का चढ़ावा । 3. महापूजा आदि जो तो अवसर पर श्रीसंघ के सभ्यो का (1) दूध से पग धोना, (2) तिलक करना, (3) बादला लगाना, 26 —

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