Book Title: Ashtmangal Aishwarya
Author(s): Jaysundarsuri, Saumyaratnavijay
Publisher: Jinshasan Aradhana Trust

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Page 39
________________ शिल्पविधि प्रकाशन जैन शिल्प विधान (भाग-१,२) शिल्पशास्त्रो, वर्तमान परंपरा तथा अनुभवी विद्वानो - शिल्पीओका अनुभव के निचोडरूप शास्त्रीय शिल्पग्रंथ Shilp-Vidhi जिनालय निर्माण मार्गदर्शिका (गुज., हिन्दी ) मंदिर निर्माण और श्री संघ मे बार-बार उपयोगी ओप-लेप-चक्षु- टीका, देव-देवीओकी स्वतंत्र ध्वजा, लेख, लांछन आदि अनेक के लिए व्यवहारिक, स्पष्ट एवं सचोट, पारदर्शक मार्गदर्शक व्यवहारिक शिल्पग्रंथ हेमकलिका-१ श्री अढार अभिषेक विधान १८ अभिषेक संबंधी अनेक रहस्य, विधानशुद्धि, द्दष्टांत, भक्तिगीत, स्तुतिसभर २०० से ज्यादा प्राचीन प्रतिष्ठाकल्पानुसार संपादित विधि ग्रंथ हेमकलिका-२ श्री धारणागतियंत्र जो तो संघ या व्यक्ति के लिए संघ या गृह मंदिरमें कौन से भगवान पधराना ज्यादा लाभदायी है, यह निश्चिंत करने हेतु कोष्टक स्वरुप ग्रंथ शाश्वत जिन प्रतिमा स्वरुप आगम ग्रंथो के अनुसार देवलोक में स्थित शाश्वत जिन प्रतिमा का सचित्र वर्णन Coming Soon हेमकलिका - 3 जिनालय निर्माण विधिविधान मंदिर निर्माण के प्रारंभ से अंत तक करने के सभी शिल्प शास्त्रोक्त सर्व विधान... ध्वजा संहिता मंदिर के शिखर पर शोभित ध्वजा के संदर्भ में अनेकविध नूतन माहितिसभर रेफरन्स ग्रंथ श्री बृहद् धारणायंत्र एवं श्री धारणागति यंत्र (हिन्दी)

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