Book Title: Ashtangat Rudaya
Author(s): Vagbhatta
Publisher: Khemraj Krishnadas

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Page 1110
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir उत्तरस्थानं भाषाटीकासमेतम् । (१०४७) और महासागरकी समान गंभीर रूप संग्रहार्थ उपायभूत यह तंत्रहै ॥ ७८ ॥ अष्टांग वैद्यकरूप समुद्रके मथनेसे अष्टांगसंप्रहरूप बडे अमृतका समूह प्राप्तहुआ, तिससे अल्प उद्यम करनेमें बहुतसे फलोंकी प्राप्ति होसके, ऐसे मनुष्योंकी प्रीतिके अर्थ यह पृथक् तंत्र कहा ॥ ७९॥ यह महामुनि आत्रेयआदिके सकाशसे आगमसे सिद्ध और प्रत्यक्ष फलके दर्शनसे मंत्रोंकी समान संप्रयुक्त करना योग्यहै और इसमें कभीभी संशय करना योग्य नहींहै ॥ ८० ॥ दीर्घजीवितमारोग्यं धर्ममर्थं सुखं यशः॥ पाठावबोधानुष्ठानैरधिगच्छत्यतो ध्रुवम् ॥ ८१॥ इस ग्रंथके पाठ अर्थ अनुष्ठानसे दीर्घकालतक जीवना आरोग्य धर्म अर्थ यश सुखको निश्चय मनुष्य प्राप्त होताहै ॥ ८१ ॥ एतत्पठन्संग्रहबोधशक्तः स्वभ्यस्तकर्मा भिषगप्रकंप्यः॥ आकंपयत्यन्यविशालतंत्रकृताभियोगान्यदि तन्न चित्रम् ॥२॥ इस ग्रंथको पढनेवाला और इसी ग्रंथ विषयक संग्रह बोधवाला, और अच्छीतरह अभ्यस्तकिये कर्मवाला वैद्य क्षोभको प्राप्त नहीं होसकता, और जो कदाचित, इस ग्रंथका वेत्ता वैद्य चरक सुश्रुत आदि ग्रंथों को जाननेवाले वैद्योंको कंपितकरै तो कछुचित्र नहीं ॥ ८२ ॥ यदि चरकमधीते तदध्रुवं सुश्रुतादिप्रणिगदितगदानां नाम मात्रेऽपि बाह्यः॥ अथ चरकविहीनः प्रक्रियायामखिन्नःकिमिहखलु करोतु व्याधितानां वराकः ॥ ८३ ॥ जो कदाचित् अकेले चरकको पटै वह निश्चय सुश्रुत आदिके कहेहुये वर्मसंधि सितासित आदि रोगोंके नाममात्रकोभी जान नहीं सक्ता, और चरकग्रंथको छोडकर अन्य ग्रंथोंको पढताहै वह प्रक्रियामें नहीं खिन्नहुआभी वैद्य जो कासश्वास आदिरोगोंसे अभिभूत रोगियोंके शल्पबुद्धिवाला वह वैद्य कुछभी विधान करनेको समर्थ नहीं हो सक्ता ।। ८३॥ । अभिनिवेशवशादभियुज्यते सुभणितेऽपि न यो दृढमूढकः ॥ पठतु यत्नपरः पुरुषायुषं स खलु वैद्यकमाद्यमनिर्विदः ॥४॥ पक्षपातके सामर्थ्य से जो इस सुंदर ग्रंथमें युक्त नहीं होता, और ऋषिप्रणीत ग्रंथोंमें प्रीतिको करताहै,तो दृढमूढ रूप यत्नमें तत्पर और पीडासे रहित वह मनुष्य ब्रह्मसंहिताका अध्ययन करै।।८४॥ वाते पित्ते श्लेष्मशांतौ च पथ्यं तैलं सर्पिर्माक्षिकं च क्रमेण॥ एतद्ब्रह्मा भाषते ब्रह्मजो वा का निमंत्रे वक्तभेदोक्तिशक्तिः॥८५॥ For Private and Personal Use Only

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