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नाम.
(२) जाहिरात ।
की. रु. आ. वर्ग, मासवर्ग, जातिभेदसे पशु पक्षियोंके मांसके गुण. कृतान्नवर्ग, वारिवर्ग, दुग्धवर्ग, नवनीतवर्ग, घृतवर्ग, मूत्रवर्ग, तैलवर्ग, सन्धानवर्ग, मधुवर्ग, इक्षुवर्ग, अनेकार्थ नामवर्ग, धातुनाम शोधन मारणविधि, पुटप्रकार, रत्नोंकी शोधनमारणविधि, विष और उपविषोंकी शोधनविधि इत्यादि संपूर्ण रोगोंकी उत्पत्ति संप्राप्ति निदान
चिकित्सा इत्यादि वर्णित है ... ... ... ... ७ धन्वंतरी-वैद्यक-लालाशालिग्राम वैश्यकृत भाषाटीका समेत जिसमें समस्त रोगोंका निदान कारण लक्षण
और चिकित्सक औषधि संग्रहकर लिखा है ... ... ५ अष्टाङ्गहृदय-(वाग्भट ) वाग्भटविरचित-पं० रविदत्तकृत
भाषाटीकासहित और पंडितज्वालाप्रसाद मिश्र संशोधित जिसमें सूत्रस्थान, शारीरस्थान, निदानस्थान, चिकित्सास्थान, कल्पस्थान, उत्तरस्थान इत्यादिमें संपूर्ण रोगोंकी उत्पत्ति निदान, लक्षण और क्वाथ, चूर्ण, रस,
घी, तैल आदिसे अच्छीप्रकार चिकित्सा वर्णित है ... ८ . अष्टांगहृदयवाग्भट्ट-मूल ... ... ... ... ... ३ शाईधरसंहिता-मूल और पं. दत्तरामचौवेकृत भाषाटीका
समेत चरक वाग्भट सुश्रुतादिसे संगृहीत इस ग्रंथमें रोगोंकी उत्पत्ति लक्षण प्रतीकार सबप्रकारकी धातुओंका मारण शोधन आदि प्रयोग बहुत आजमाये हुए लिखेहैं और रसादिके सेवनकी विधि भी संयुक्त है ग्ले ज.... ... ... ... ... ... ... २-८ " , तथा रफ ... ... ... ... ... २
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