Book Title: Arhat Vachan 2011 07
Author(s): Anupam Jain
Publisher: Kundkund Gyanpith Indore

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Page 94
________________ डॉ. अनुपम जैन सरस्वती अलंकरण से सम्मानित चारित्र चक्रवर्ती आचार्य श्री शांतिसागर वर्ष के अंतर्गत दिगम्बर जैन महासमिति मध्यांचल एवं इंदौर संभाग के तत्वावधान में आयोजित भव्य अलंकरण समारोह के मध्य अंतर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त विद्वान डॉ. अनुपम जैन, इंदौर को जैन गणित के क्षेत्र में किये गये उत्कृष्ट अनुसंधान एवं मध्यप्रदेश के जैन शास्त्र भण्डारों में उपलब्ध पांडुलिपियों की खोज, संरक्षण एवं सूचीकरण तथा इंदौर के जैन शास्त्र भण्डारों में संगृहीत समस्त पांडुलिपियों के डिजिटाइजेशन कार्य हेतु सरस्वती अलंकरण से सम्मानित किया गया। महासमिति की ओर से इस अवसर पर वक्ताओं ने डॉ. जैन के बहुआयामी व्यक्तित्व तथा जैन संस्कृति के राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रचार-प्रसार हेतु किये जाने वाले प्रयासों की भूरि-भूरि प्रशंसा की। सम्मान के अवसर पर मध्यांचल के अध्यक्ष श्री सुरेन्द्र बाकलीवाल, मंत्री श्री प्रवीण पाटनी, महासमिति के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री अशोक बड़जात्या, श्री आर. के. जैन ( रानेका इंडस्ट्रीज), श्री पवन जैन, श्री नवीन जैनगाजियाबाद तथा स्व. श्री सुनील भोपाली के परिवार के सदस्यगण आदि कई गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे। कार्यक्रम का सशक्त संचालन डॉ. संगीता विनायका ने किया। आभार श्री जैनेश झांझरी ने माना। समणी कुसुमप्रज्ञा जी द्वारा अनूदित एवं सम्पादित 'जीतकल्पसभाष्य' का सरदार शहर में विमोचन करने के उपरान्त तेरापंथ धर्मसंघ के आचार्य श्री महाश्रमणजी को प्रथम प्रति समर्पित करते हुए डॉ. अनुपम जैन अर्हत् वचन, 23 (3), 2011 95

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