Book Title: Arhanniti
Author(s): Manilal Nathubhai Dosi
Publisher: Jain Gyan Prasarak Mandal

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Page 313
________________ (२६५) अर्हन्नीतेः शुद्धिपत्रम्. पृष्टांकः ८ م ه م शुद्धम् च्छित्ति कार्य यशस्करै सामदाम्नी सोदर्ये धुपाशकः वाक्यविद् श्चौरो م س م ه س द्विजा आवल्यंकः अशुद्धम् छित्ति २० । कार्यः यशस्कारै सामदामो सौदर्य द्यपाशकः वाविद् !रो १३ द्विजा प्रसादे भेदकान सेनानी संधि द्विग्रहम् बलहीनः विध्वंसिनो कायचिंता भेदनो ब्रयाद م م م م م प्रासादे भेदकान सेनानी संधि द्धि विग्रहम् बलहीना विध्वंसनः कायश्चिता ه س س भेदता م م ब्रूयाद

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