Book Title: Aradhanasar
Author(s): Devsen Acharya, Ratnakirtidev, Suparshvamati Mataji
Publisher: Digambar Jain Madhyalok Shodh Sansthan
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आराधनासार - २९६
गाथा
संख्या
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गाथा
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४०८४ १.०३ १९८
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मणमित्ते बाबारे लवणव्व सलिलजोए ववहारेण य सारो विमलयरगुजसनिई विसयालंबणरहिओ सहहइ सस्सहावं सल्लेहणा सरीरे सल्लेहिया कसाया सव्वं चायं काऊ संगच्चाएण फुडं संसारकारणाई
संसारसुहविरत्नो सिवयह मणसिथरण सिवभूइणा विसहिओ सीयाई बाबीसं सुखमओ अहयेको सुशाण पइट्ठो सुत्तत्थभावणा वा सुद्धणये चउग्धं सो सण्णासे उनो हणिऊण अट्टरुद्दे
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