Book Title: Aradhana Kathakosha
Author(s): Bhattarak Chandrakirti, Shantikumar Jaykumar Killedar
Publisher: Jain Sanskruti Samrakshak Sangh Solapur

View full book text
Previous | Next

Page 801
________________ ७७६ : आराधना कथाकोष पाच ज्ञान पाच समिति पंच नमस्कार पांच इंद्रिये, पंचाश्चर्य षट् खन्ड षट् रस षट् काय सहा काळ सहा वेदांग सहा ऋतु षड् रिपु षट् शास्त्र षड्विध सैन्य सहा गुण सप्तक्षेत्र सप्ततत्त्व सप्तनगरी सप्तशील सात पर्वत सात नरक सात व्यसन सप्त गुण अष्टकर्म अष्टांग ( नमोस्तु ) अष्ट अंग ( सम्यक्त्व ) अष्टाfer Jain Education International अष्ट मंगल अष्ट द्रव्य अष्ट- गुण ( सम्यक्त्व अष्ट- प्रहर आठ ऋद्धि संघाष्टक अष्टदिशा अष्टौप्रहर नव ग्रैवेयक नव अनुदिश नव नारायण नव प्रतिनारायण नव पदार्थ नव हलधर दशधर्म दशलक्षण धर्म दश अंतकृत् केवली दहा कल्पवृक्ष अकरा रुद्र अकरा अंग अकरा प्रतिमा एकादश भूमंडळ बारा चक्रवर्ती बारा तप बारा अंग बारा अनुप्रेक्षा बारा मास For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

Loading...

Page Navigation
1 ... 799 800 801 802 803 804 805 806 807 808 809 810 811 812 813 814