Book Title: Aptamimansa Tattvadipika
Author(s): Udaychandra Jain
Publisher: Ganeshprasad Varni Digambar Jain Sansthan

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Page 489
________________ १v ३७२ आप्तमीमांसा-तत्त्वदीपिका पृष्ठांक पृष्ठांक नागसेन ३७,५० १०९,११०,१३७, १५०,१६१,१८२, नागार्जुन ४८,४९ २२८,२२९,२३२,२३३, २३४,२३५, नामकर्म ३०९ २६३,२९६,३०५, ३०६,३०९,३१०, नामरूप ३४,२९८ ३१४,३३४ नामरूपात्मक नैरात्म्यवाद ३७,२१५ निगमन ७,९७,९९ नैषधचरित १४ निग्रहस्थान ५,९,१०,९६,९७.९९, न्याय ४,१४,२३ १००,१०१ न्याचकुसुमाञ्जलि नित्यसमा ८ न्यायदर्शन ५,११,१२,१३,१४ निदिध्यासन ५४ न्यायमञ्जरी निमित्तकारण ११,१२,३०५ न्यायवैशेषिक ३०२,३०३ नियम २७ न्यायसूत्र नियोग ५२,५३,५४,५५ | न्यून नियोगवादी ५२,५३ । पक्षधर्मत्व __ ९८,१९१,१९२,३३३, निरनुयोज्यानुयोग १० निरन्वयक्षणिकवाद २०५,२०७,२१७ पञ्चस्कन्ध ३६,३७,१४९ निरर्थक १० पतञ्जलि निरोध आर्यसत्य ३१ पद्मासन २७ निर्जरा ७८,३१०,३३२ परमाणुवाद निर्णय ५,८ परमार्थसत् ४४,१३६ निर्माणकाय परम्पराफल ३२४,३२५ निर्वाण ५०,५१,८३,८४ परसामान्य १८ निर्विकल्पक प्रत्यक्ष ३७,८९,९० परस्परपरिहारस्थितिलक्षण विरोध १३३,१३४, १३५,१३६,१३८,१३९, १५६ १४१,१६७, १६८,१८८, १८९,२७२ परर्थानुमान निश्चयनय १२५,१५६,३३१ परिणामवाद निःश्रेयस २०,२१ परीक्षाप्रधान निषेधवाक्य ५२,१४५,३४०,३४१ परोक्षज्ञानवाद १८९,२७२ ३४२ पर्यनयोज्योपेक्षण नैगम नय ३३१,३३५,३३६,३३८ पर्यायार्थिक नय १२५,१४३,१७४ नैयायिक १०,१४,१९,२१,४२,४३, १७५,३३०,३३१,३३५,३३६ ५६,५७,६०, ६१,८२,९१,९४,१०८, पर्युदासरूप अभाव २९३ ३३४ २७ २३ له १० Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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