Book Title: Aptamimansa Tattvadipika
Author(s): Udaychandra Jain
Publisher: Ganeshprasad Varni Digambar Jain Sansthan

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Page 497
________________ परिशिष्ट ५ अभि० को० अभिघ० को० } अष्टश० अष्टसह० तत्त्वार्थश्लोकवा० न्या० बि० न्या० भा० न्या० सू० प्रमाणमी० प्रमाणवा० प्र० पा० भा० बृहदा० भा० वा० बोधिचर्या ० महाभा० मी० श्लो० मीमांसाश्लोकवा० यो० ० भा० यो० ० सू० रत्नक० श्रावका० वाक्यप० वात्स्यायनन्या० भा० ० सू० शा० भा० सांख्यका० सां० सू० सम्बन्धप० स० द० सं० स० सि० सं० वैशे० Jain Education International ग्रन्थ-संकेत-सारणी अभिधर्मकोश अष्टशती अष्टसहस्री तत्त्वार्थश्लोकवार्तिक न्यायबिन्दु न्यायभाष्य न्यायसूत्र प्रामाणमीमांसा प्रमाणवार्तिक प्रशस्तपादभाष्य बृहदारण्यकभाष्यवार्तिक बोधिचर्यावतार महाभारत मीमांसाश्लोकवार्तिक योगभाष्य योगसूत्र रत्नकरण्ड श्रावकाचार वाक्यपदीय वात्स्यायनन्यायभाष्य वैशेषिकसूत्र शाबरभाष्य सांख्यकारिका सांख्यसूत्र सम्बन्धपरीक्षा सर्वदर्शनसंग्रह सर्वसिद्धांतसंग्रह For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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