Book Title: Aptamimansa
Author(s): Vijay K Jain
Publisher: Vikalp Printers
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Index of Verses
कारिका का प्रथम चरण
--- Verse No.
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न सामान्यात्मनोदेति न हेतुफलभावादिनास्तित्वं प्रतिषेध्येनानित्यत्वैकान्तपक्षेऽपि नित्यं तत्प्रत्यभिज्ञानात् नियम्यतेऽर्थो वाक्येन पयोव्रतो न दध्यत्ति पापं ध्रुवं परे दुःखात् पुण्यं ध्रुवं स्वतो दुःखात् पुण्यपापक्रिया न स्यात् पृथक्त्वैकान्तपक्षेऽपि पौरुषादेव सिद्धिश्चेत् प्रमाणकारकैर्व्यक्तं प्रमाणगोचरौ सन्तौ बहिरङ्गार्थतैकान्ते बुद्धिशब्दप्रमाणत्वं बुद्धिशब्दार्थसंज्ञास्ताभावप्रमेयाऽपेक्षायां भावैकान्ते पदार्थानाम् मिथ्यासमूहो मिथ्या चेत् यदि सत्सर्वथा कार्य यद्यसत्सर्वथा कार्य यद्यापेक्षिकसिद्धिः स्यात् वक्तर्यनाप्ते यद्धेतोः वक्तृश्रोतृप्रमातृणां वाक्येष्वनेकान्तद्योती
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