Book Title: Apbhramsa aur Hindia me Jain Rahasyavada
Author(s): Vasudev Sinh
Publisher: Samkalin Prakashan Varanasi

View full book text
Previous | Next

Page 314
________________ संदर्भ ग्रंथ सूची २६५ ३५. बौद्ध गान मो दोहा (बगला मे)- सं० प ० हर प्रसाद शास्त्री, बंगीय साहित्य परिषद,कलकत्ता द्वितीय मद्रण वाद १३३८ । ३६. मध्यकालोन धर्म साधना - हजारी प्रसाद द्विवेदो. साहित्य भवन लिमिटेड, इलाहाबाद, प्र० संस्करण, १९५ । ३७. मिश्रबन्धु विनोद (द्वि० भाग)-गंगा पुस्तकमाला कालय, लखनऊ, द्वितीय बार सं० १९८४ ।। ३८, मोह विवेक युद्ध-बनारसोदास, वीर पुस्तक भाडार. जयपुर, वीर निर्वाण सं० २४८१। ३९. मध्यकालीन प्रेम साधना-परशुराम चतुर्वेदी, साहित्य भवन प्राइवेट लिमिटेड, इलाहाबाद, प्र० संस्करण १९५२ । ४०. राजस्थान का पिंगल साहित्य - मोतीलाल मेनान्यिा. हितैषी पुस्तक भंडार, उदयपुर. प्र० संस्करण, १९५२ । ४१. रहस्यवाद और हिन्दी कविता-गुलाबराय, सरस्वती पुस्तक मदन, मोती कटरा, आगरा, प्र० संस्करण, सं० २०१३ । ४२. सूफी मत साधना और साहित्य - प्रो. रामपूजन निवारी, शानमंडल लिमिटेड, बनारस, प्र. संस्करण, सं० २०१३ । ४३. समयसार नाटक-बनारसीदास । ४४. सूर पूर्व ब्रजभाषा और उसका साहित्य-डा. शिवप्रसाद सिंह, हिन्दी प्रचारक पुस्तकालय, वाराणसी-१, प्र० संस्करण, अक्टूबर १९५८ । ४५. संत काव्य-परशुराम चतुर्वेदी, किताब महल, इलाहाबाद, प्र० संस्करण, सन् १९५२ । ४६. सिद्ध साहित्य-डा. धर्मवीर भारती, किताब महल, इलाहाबाद, प्र. संस्करण, १९५५ । ४७. संत सुधा सार-सं० वियोगी हरि, सस्ता साहित्य मंडल प्रकाशन, नई दिल्ली. १९५३ । । ४८. सुंदर दर्शन-डा. त्रिलोकी नारायण दीक्षित, किताब महल, इलाहाबाद, प्र० संस्करण, १९५३। ४९. संत कबीर-रामकुमार वर्मा, साहित्य भवन लिमिटेड, इलाहाबाद, १९४६। ५०. हिन्दी काव्य में निर्गुण सम्प्रदाय-डा० पीताम्बर दत्त बड़थ्वाल, अवध पब्लिशिंग हाउस, पानदरीबा, लखनऊ, प्र० संस्करण, सं० २००७ वि० । ५१. हिन्दी साहित्य का बृहत् इतिहास ( भाग १)-सं० डा० राजबली पांडेय, काशी नागरी प्रचारिणी सभा, सं० २०१४ वि० । ५२. हिन्दी जैन साहित्य का संक्षिप्त इतिहास - कामता प्रसाद जैन, भारतीय ज्ञानपीठ, काशी, फरवरी १९४७ । ५३. हिन्दी काव्य धारा राहुल सांकृत्यायन, किताब महल, इलाहाबाद, प्र० संस्करण, १९४५।। ५४. हिन्दी के विकास में अपभ्रंश का योग-नामवर सिंह, साहित्य भवन लिमिटेड, इलाहाबाद, प्र० संस्करण, फरवरी १९५२ ।

Loading...

Page Navigation
1 ... 312 313 314 315 316 317 318 319 320 321 322 323 324 325 326 327 328 329