Book Title: Anuyogdwar Sutra
Author(s): Priya Jain
Publisher: Z_Jinavani_003218.pdf

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Page 6
________________ अनुयोगद्वार सूत्र अनुयोगद्वारसूज : एक झलक में अध्ययन । सामायिक चवतस्ताव वन्दन प्रतिकमा कायोत्सर्ग प्रत्याख्यान -नेगम संग्रह सकर निक्षत अनुगम आनुपूर्वी +ओधनिष्पन्न सूत्रानुग्म नाम +नाम निष्पन्न नियुक्त्यनुगम प्रमाण +सूत्रालापकनिष्पन्न वक्तळातः अधिकार समस्तार व्यवहार *जुसूत्र +समभिरुढ़ एवंभूत दव्य प्रमाण क्षेत्र प्रनण काल प्रमाण भावप्रमाण प्रनि दिनि प्र.नि. दिनि. प्र.नि. व.ने. प्र.नि - प्रदेश निष्पन्न विनि विभाग निष्पन्न संरच्या प्रनाण गुण पन्नास नग नाण गम +संग्रह लीटगुण प्र. अजीवगुण प्र व्यवहार F+वर्ण स्थापना द्रव्य उपमान परिमाण ज्ञान शब्द समभिरुद एवभूत 11 गंध ज्ञान दर्शन यारित्र रस गुण, प्राण प्र. गुण प्र. + स्पर्श →सस्थान सानायिक अचा छेदपस्थापनीर +अवधि परिहरपिशुद्धि +केवल सूक्ष्मसंपर य यथाख्यात प्रत्यक्ष अगम ॐनमान पूर्व शेषवत् दृष्टसधवत उपमान साधोपनीत L+वैधानीर इन्दिर लौकिक लोकोत्तर नोइन्द्रिय + अवधि •मनः पर्यट → केरल हारिन्द्रिय Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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