Book Title: Anusandhan 2019 01 SrNo 76
Author(s): Shilchandrasuri
Publisher: Kalikal Sarvagya Shri Hemchandracharya Navam Janmashatabdi Smruti Sanskar Shikshannidhi Ahmedabad
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जान्युआरी- २०१९
१४५
प्रकीर्ण
अनुसन्धान – ७५(२) सुकडिओरसिया संवादनी शुद्धि
पान नं.
उपरथी लीटी १५ (नीचेथी) ८मी
शुद्ध सुकडि
१९५ .
अशुद्ध सुकड अहो बध्यु
२०३
अमे
२०४
नांकइ
२०५ २०७
वध्यु नांखइ सद्दहीइ घरें (?)
सद्यहीइ
२०९
(नीचेथी) ९मी
२१०
अवहेल
अवहेला कहि कइस्युं
२१६
२२१ २२२ २२७ २३२ २३२ २३३
लहिकइस्युं (लहेका करीने) घोल सद्दहेंइ संप्रति भावप्रभसूरि नवतर/नवू अजाडी कडं (?) - साध्वी दीप्तिप्रज्ञाश्रीजी
घोला सद्दहें संप्रति सूरि नवतर/Q आजाडी करयुं
८मो शब्द १६मो शब्द १लो शब्द
एक स्पष्टता अनुसन्धान ७५(२)मा 'अजितशान्ति स्तोत्र' सम्पादित-प्रकाशित छे. ते अप्रसिद्ध होवाना ख्यालथी प्रगट करेलुं छे. परन्तु पछीथी जाणवा मळेल ते मुजब ओ स्तोत्र अचलगच्छ जैन संघमां परम्परागत रीते प्रसिद्ध छे, नित्य स्मरणपाठनु स्तोत्र छे, तथा तेना कर्ता आ० जयशेखरसूरिजी छे.

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