Book Title: Anusandhan 2002 07 SrNo 20
Author(s): Shilchandrasuri
Publisher: Kalikal Sarvagya Shri Hemchandracharya Navam Janmashatabdi Smruti Sanskar Shikshannidhi Ahmedabad

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Page 118
________________ अनुसंधान-२० (५) भक्तामर एक सचित्र-यंत्र अंग्रेजी प्रकाशन अंग्रेजी सारगर्भ-पद्यानुवाद : मकरंद दवे यंत्र- चित्रालेखन : साधक शिवानन्द सरस्वती प्र. A Divine Darshan Publication, Chicago, U.S.A. ई. २००२ जैन जगतनुं जगप्रसिद्ध स्तोत्रकाव्य भक्तामर (मूळ पाठ) संस्कृत (नागरी) तथा गुजराती - बन्ने लिपिमां; तेनो अंग्रेजीमां सारगर्भित काव्यात्मक अनुवाद; साधक शिवानन्दे आलेखेला यंत्र-चित्रो; तेनां ऋद्धि-मंत्रो-मूळ तेमज अंग्रेजीमां, आ बधुं आ उत्तम रीते मुद्रण पामेला प्रकाशनमा समावायु छे. मकरंद दवेए लखेल आमुख 'An Insight' मननीय छे. भारतमां तेनुं प्राप्तिस्थान क्याय जणाव्युं नथी. (६) HEMACANDRA - The lives of the jain Elders A new translation by R.C.C. Fynes - OXFORD WORLD'S CLASSICS Oxford university Press, USA. (1998) श्रीहेमचन्द्राचार्य कृत 'परिशिष्टपर्व'नुं अंग्रेजी भाषांतर - प्रकाशन. परिशिष्टो, टिप्पणो, भूमिका वगेरे युक्त. श्रमण भगवान् महावीर (पुन:मुद्रण : ई. २००२) ले. पं. कल्याणविजय गणि - प्र. शारदाबेन चिमनभाई एज्यु. रिसर्च सेन्टर, शाहीबाग, अहमदाबाद-४ जाणीता इतिहासविद मुनिराजे लखेलुं भगवान् महावीरनुं आ चरित्र, Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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