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Achar
७८
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जंगमविष
अनुपान
ग्रन्थसन्दर्भ
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१३ वृश्चिकविष
शर्करा
वाणपुखरस मेघनादरस
अर्कायो-घृष्टहिंगुलेप
१५ गृहगोधिकाविष
कटुत्रय, शिग्रुबीन, करंगबीज, निशाद्रव, कपिकनीम पान और लेप
१६. सरठाविष
शीतवारि
अर्कमूलत्वचा पूर्ण
१७ .. मूषविष
बाणपुंखरस
सिता
४-१९,२
१८ श्वेतमूषकजन्य
अन्धि
विस्फोटन गार्दभशकृत्पान
१९ सिंहबालशष्पं
मधु
४-२१
भ्रामरीमक्षिका
४-२२
माहिषनवनीत । माहिषतक .
विष
न
२१ कर्णप्रविष्टवर्जर
कणे मूत्रप्रक्षेप तिलतैलप्रक्षेप
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