Book Title: Anubhutsiddh Visa Yantra
Author(s): Meghvijay
Publisher: Mahavir Granthmala
View full book text
________________ PRICED LESSOCDN0-00 - 00-0CCOOLEEON हमारी ग्रंथमालाकी प्रकाशित पुस्तकें छपी हुई तयार है. (1) अहद्गीता-भगवद्गीता-या तस्वगीता तृतीयावृत्ति छरके तैयार है. (2) मानतुङ्ग शास्त्र [ मानतुङ्ग सुरीकृत गुजराती, हिंदी संस्कृत टीका साथ ] तृतायावृत्ति छपके तैयार है. (3) विद्यारत्न महानिधि [ यंत्र भाषांतर सहीत दश पूर्वधा भद्रगुप्ताचार्य कृत ] तृतीयावृत्ति छपके तैयार है. (4) चंदप्पह चरिय [ मुळमागधी टीका और संस्कृत छ.य सहित यमकवद्ध कर्ता जिनेश्वर सूरी ) तृतीयावृत्ति छपके तैयार है. (5) आकाशगामिनी औषधी कल्प पादलेप शक्ति और गोपीचक्र कल्प [ सरळ भाषांतर सहित ] तृ. छपके तैयार है. (6) अहेच्चूडामणीसार [ मूलमागधी टीकासहित चौध पूर्वधर भद्रगहु स्वामिकृत ) त. छपके तैयार है. (7) सिद्ध बीशाकल्प-कर्ता श्रीमहामहोपाध्याय मेषविजयकृत पद्मावती देवीका बतायाहुवा भाषांतरसहित 450 यंत्र फोटोसहित और परिशिष्ट सहित 1 गाहायुअल टीका और सोपज्ञ आम्नाय 2-3 का पादलिप्त सूरी, उग्रवीर कल्प कर्ता पूर्वाचार्य अनुभूत, 4 दादाजी श्रीजिनदत्त सूरीश्वर आम्नाय बावन तोला पावरती हेमकल्प, 5 जगत शठजी महतारगयीका अनुभव सिद्ध चंद्रकल्प 6 बधाराके साथ तृतीयावृत्ति छपके तैयार है. (8) न्यायग्शिारद श्रीमद् यशोविजयजीका अनुभूत नवगाथाका उपसर्ग हरस्तोत्र यंत्र के साथ विधिसहित द्वितीयावृत्ति छपके तैयार है. (9) जगत्सुंदरी पयोगमाला / जैन सायन्स ] कर्ता मुनि जसमहत्तर तृ. छपके तैयार है. (10) युक्तिप्रकाश मूल टीकाके भाषांतरके साथ द्वितियावृत्ति छपके तैयार है. मिलनेका ठिकान: एस्. के. कोटेचा, आग्रारोड-धुलिया, प. खानदेश. XOO0000000000000000000 Aho I Shrutgyanam

Page Navigation
1 ... 148 149 150