Book Title: Antar Ki Aur
Author(s): Jatanraj Mehta
Publisher: Prakrit Bharti Academy

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Page 98
________________ लेखक - परिचय डॉ. जतनराज मेहता का जन्म 1 जनवरी सन् 1933 को मध्यप्रदेश के ग्वालियर नगर में श्री प्रसन्नचन्द जी सा. धारीवाल के घर हुआ। जहाँ से आप अपने ननिहाल मीरा की नगरी मेड़ताशहर में चौधरी श्री प्रेमराज जी सा. मेहता के यहाँ दत्तक आये। पेशे से व्यवसायी श्री मेहता की किशोरवय से ही साहित्य सृजन में विशेष रूचि रही है। यौवनावस्था से ही आपका जीवन साधनाशील रहा तथा आध्यात्मिक क्षेत्र में आपकी अभिरूचि विशेष रही। फलत: आप युवावस्था में ही अनेकों धार्मिक एवं सामाजिक संस्थाओं से सम्बद्ध हो गये। आपने अनेकों कवि सम्मेलन एवं साहित्यिक समारोहों का सफल आयोजन भी किया है। आप एक चिन्तनशील लेखक होने के साथ साधनाशील साधक भी है। आप सदैव प्रसन्न मुद्रा में रहते हैं। आपने अनेकों धार्मिक संस्थाओं के सफल संचालन में अपनी अहम् भूमिका निभाई है। मेड़ता का इतिहास, आशीर्वाद, योगीराज आनन्दघन आदि पुस्तकों का लेखन आपके साहित्य की विविध विधाओं में रचना धर्मिता का प्रमाण है। आपने लगभग दो दशक तक आगम प्रकाशन समिति ब्यावर के महामन्त्री एवं सम्यज्ञान प्रचारक मण्डल जयपुर के सहमन्त्री पद पर रहकर साहित्यिक जगत की महती सेवाएँ की है। आध्यात्मिक, साहित्यिक भावों से परिपूर्ण प्रस्तुत कृति 'अन्तर की ओर आपके हाथों में है। प्राकृत भारती अकादमी, जयपुर सोसायटी फॉर साइन्टिफिक एण्ड एथिकल लिविंग 13 ए, गुरुनानक पथ, मेन मालवीय नगर, जयपुर ISBNNo. - 978-81-89698-71-3

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