Book Title: Antagadanuttarovavaiyadasao
Author(s): M C Modi
Publisher: Gurjar Granth Ratna Karyalay

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Page 297
________________ 136 14. 21. रिउव्वेदे जाव] सुपरिणिहिए ।-See. अभय on अंत P. 92. For full description ओव० $71. 15. 1-बहुहिं खुज्जाहिं [जाव ] परिक्खित्ता ।-बहूहिं खुज्जाहिं चिलाइयाहिं वामणियाहिं वडभियाहिं बब्बराहिं बउसियाहिं जोण्हियाहिं पण्णवियाहिं ईसिणियाहि वारुणी. याहिं लासियाहिं लाउसियाहिं दमिलीहिं सिंहलीहिं आरबीहिं पुलिन्दीहिं पक्कणीहिं बहलीहि मुरंडीहिं पारसीहिं नाणादेसीविदेसपरिमण्डियाहिं सदेसणेवत्थगहियवेसाहिं इंगियचिंतियपत्थियवियाणाहिं निउणकुसलाहिं वेणीयाहिं चेडियाचक्कवालवरुणिवंदपरियालपरिखुडे वरिसधरकंचुइमहत्तरगविदपरिक्खित्ता । ओव० $ 55. ____15. 23. महेलियावज्जं [ जाव ] वड़ियकुले । See. अभय० अंत P. 92. नाया० सु० १. अज्झ० १ leaf 60 (b) तुमं सि णं जाया ! अम्हं एगे पुत्ते इठे कंते पिए मणुण्णे मणामे थेज्जे वेसासिए सम्मए बहुमए अणुमए भंडकरंडगसमाणे रयणे रयणभूए जीवियउस्सासए हिययाणंदजणणे उंबरपुप्फ पिव दुल्लमे सवणयाए किमंग पुण पासणयाए ? णो खलु जाया! अम्हे इच्छामो खणमवि विप्पओगं सहित्तए। तं भुजाहि ताव जाया ! विउले माणुस्लए कामभोगे जाव ताव वयं जीवामो । तओ पच्छा अम्हेहिं कालगएहिं परिणयबए वडियकुलवंसतंतुकज्जम्मि निरावयक्खे समणस्स भगवओ महावीरस्स अंतिए मुंडे [जाव पव्वइस्ससि । In the above passage, in case of गयसुकुमाल, pleasures with women are to be excluded. Later in नाया. the women are described.

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