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ORCUMQQENDROM
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ॐ अहम्
अनेकान्त
सत्य-शान्ति और लोकहितके सन्देशका पत्र .
नीति-विज्ञान-दर्शन-इतिहास-साहित्य-कला और समाजशास्त्रके प्रौढ विचारोंसे परिपूर्ण मासिक
नवम वर्ष पौषसे मार्गशीर्ष, वीर निर्वाण संवत् २४७४-७५
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सम्पादक-मण्डल जुगलकिशोर मुख्तार (प्रधान सम्पादक) मुनि कान्तिसागर दरबारीलाल कोठिया न्यायाचार्य
अयोध्याप्रसाद गोयलीय, डालमियानगर । संस्थापक-प्रवर्तक
संचालक-व्यवस्थापक वीरसेवामन्दिर, सरसावा भारतीयज्ञानपीठ, काशी
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प्रकाशक
परमानन्द जैन शास्त्री
वीरसेवामन्दिर, सरसावा जि. सहारनपुर वार्षिक मूल्य ।
- मार्च पाँच रुपये ।
सन् १९४६ .
! एक किरणका । आठ आने
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