Book Title: Anekant 1948 05
Author(s): Jugalkishor Mukhtar
Publisher: Jugalkishor Mukhtar

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Page 49
________________ | भारतीय ज्ञानपीठ काशीके प्रकाशन ७. मुक्ति-दुत-अञ्जना-पवनञ्जयका पुण्यचरित्र (पौराणिक रौमाँम) मू०४॥) ८. दो हजार वर्षकी पुरानी कहानियां-(६४ जैन कहानियाँ) व्याख्यान तथा प्रवचनों में उदाहरण देने योग्य । मूल्य ३)। १. महाबन्ध-(महधवल सिद्धान्तशास्त्र) प्रथम भाग । हिन्दी टीका सहित मूल्य १२)। २. करलक्खण-(सामुद्रिक-शास्त्र) हिन्दी अनुवाद सहित । हस्तरेखा विज्ञानका नवीन ग्रन्थ । सम्पादक-प्रो० प्रफुल्लचन्द्र मोदी एम० ए०, अमरावती । मूल्य १)। ३. मदनपराजय- कवि नागदेव विरचित (मूल संस्कृत) भाषानुवाद तथा विस्तृत प्रस्तावना सहित । जिनदेवके कामके पराजयका सरस रूपक । सम्पादक और अनुवादक-पं० राजकुमारजी सा० । मू०5) ४. जैनशासन-जैनधर्मका परिचय तथा विवेचन करने वाली सुन्दर रचना । हिन्दू विश्वविद्यालयके जैन रिलीजनके एफ० ए० के पाठ्यक्रममें निर्धारित । मुखपृष्ठपर - महावीरस्वामीका तिरङ्गा चित्र । मूल्य ४) ५. हिदी जैन-साहित्यका संक्षिप्त इतिहास-हिन्दी जैन-साहित्यका इतिहास र तथा परिचय । मूल्य २)। ६. आधुनिक जैन-कवि-वर्तमान कवियोंका कलात्मक परिचय और सुन्दर रचनाएँ । मूल्य ||)। ९. पथचिह्न-( हिन्दी साहित्यकी अनुपम पुस्तक ) स्मृति रेखाएँ और निबन्ध । मूल्य २)। १०. पाश्चात्यतक शास्त्र-(पहला भाग ) एफ० ए० के लॉजिकके पाठ्यक्रमकी पुस्तक । लेखक-भिक्षु जगदीशजी काश्यप, एफ० ए०, पालि–अध्यापक, हिन्दू विश्वविद्यालय, काशी | पृष्ठ ३८४ । मूल्य ४||| . ११. कुन्दकुन्दाचार्यके तीन रत्नमूल्य २)। १२. कबडप्रान्तीय ताडपत्र ग्रन्थसूची-(हिन्दी) मूडबिद्रीके जैनमठ, जैनभवन, सिद्धान्तवसदि तथा अन्य ग्रन्थभण्डार कारकल और अलिपूरके अलभ्य ताडपत्रीय प्रन्थोंके सविवरण परिचय । प्रत्येक मन्दिरमें तथा शास्त्र-भण्डारमें विराजमान करने योग्य । मूल्य १०) । वीरसेवामन्दिरके सब प्रकाशन भी यहाँपर मिलते हैं प्रचारार्थ पुस्तक मँगाने वालोंको विशेष सुविधाएँ भारतीय ज्ञानपीठ काशी, दुर्गाकुण्ड रोड, बनारस । Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org

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