Book Title: Anekant 1940 08
Author(s): Jugalkishor Mukhtar
Publisher: Veer Seva Mandir Trust

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Page 70
________________ __Register. No. L. 4328 - श्री जैन प्राचीन साहित्योद्धार ग्रन्थावलीके / जैन मन्त्र-तन्त्र और चित्रकलाके अभूतपूर्व प्रकाशन ___भगवन् मल्लिषेणाचार्य विरचित 1. श्री भैरव पद्मावती कल्प. आठ तिरंगे और पचास एक रंगे चित्र और बन्धुषेण विरचित टीका, भाषा समेत साथमें 2 * इकतीस परिशिष्टोंमें श्री मल्लिषेण सूरि विरचित सरस्वतीकल्प, श्री इन्द्रनंदी विरचित पद्मावती पूजन, 2 र रक्त पद्मावती कल्प, पद्मावती सहस्रनाम, पद्मावत्यष्टक, पद्मावती जयमाला, पद्मावती स्तोत्र, पद्मावती दंडक, पद्मावती पटल वगैरह मंत्रमय कृतियां और गुजरात कालेजके संस्कृत प्राकृत भाषाके अध्यापक प्रो० अभ्यंकर द्वारा सम्पादित होने पर भी मूल्य सिर्फ 15) रुपये रखा गया है। 2. श्री महामाभाविक नव स्मरण , पंचपरमेष्ठि मंत्रके चार यंत्र, श्रीभद्रबाहु स्वामी विरचित उपसर्गहर स्तोत्र, उनके अनेक मंत्र, क कथा और सत्ताईस यंत्र समेत, श्रीमानतुंगाचार्य विरचित भयहर स्तोत्र उनके अनेक मंत्र तंत्र 1 और 21 यंत्र समेत, श्रीभक्तामरजी स्तोत्र, मंत्राम्नाय, कथाएँ, तंत्र, मंत्र और हरेक काव्य पर दो दो यंत्र कुल 96 यंत्र समेत और भगवन् सिद्धसेनदिवाकर विरचित श्रीकल्याणमंदिरजी स्तोत्र, उनके मंत्राG म्नाय और 43 यंत्र, चित्र वगैरह मिलाके कुल 412 चारसौ बारह यंत्र चित्र दिया हुआ है,एक प्रतिका* पांच रतल वजन होने पर भी मूल्य 25) रु० रखा गया है। 3. श्री मंत्राधिराज चितामणि श्रीचिन्ताणिकल्प, श्रीमंत्राधिराज कल्प वगैरह श्री पार्श्वनाथजी भगवान के अनेक मंत्रमय र स्तोत्र और 65 यंत्र समेत मूल्य 7) रु० 4. श्री जैन चित्रकल्पद्रुम् - गुजरातकी जैनाश्रित चित्रकलाके ग्यारहवीं सदी से लगाकर उन्नीसवीं सदी तकके लाक्षणिक M नमूनाओं का प्रतिनिधो संग्रह, जिसमें 320 पूर्ण रंगी और एक रंगी चित्र हैं, साथ जैनाश्रित चित्रकलाके विषयमें अमेरिकाके प्रोब्राउनने, बड़ोदरा राज्यके पुरातत्वखातेका मुख्याधिकारी डा० हीरा8 नन्द शास्त्रीजीने, गुजरात के सुप्रसिद्ध चित्रकार रविशंकर रावलने, रसिकलाल परीख, श्रीयुत साराभाई / * नवाब,प्रो० डॉलरराय मांकड़, प्रो० मंजुलाल मजमुदार और लेखनकला के विषयों विद्वद्वर्य मुनिश्री ॐ पुण्यविजयीके विद्वतापूर्ण लेख भी दिया है / यह ग्रन्थस्वर्गस्थ बड़ोदरा नरेश सयाजीराव गायकवाड़को कि उनके हीरक महोत्सव पर समर्पित किया गया था मूल्य सिर्फ 25) रु० 5. जगत्सुन्दरी प्रयोगमाला मुनि जसवइ विरचित मूल्य 5) 6. श्री घंटाकरण-माणिभद्र-मंत्र-तंत्र कल्पादि संग्रह मूल्य 5) 7. श्रीजैन कल्पलता चित्र 65 मूल्य 8) 8. भारतीय जैन श्रमण संस्कृति और लेखन कला मूल्य 8) र दूसरे प्रकाशनोंके लिये सूचीपत्र मंगवाइये / प्राप्तिस्थानः-साराभाई मणिलाल नवाब, नागजीभूदरनी पोल, अहमदाबाद EKRETARIE वीर प्रेस आफ इण्डिया, कनाट सर्कस न्यू देहलीमें छपा /

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