Book Title: Ananya Rasagnata Vidwattana Swami Harivallabh Bhayani nu Avasan Author(s): Publisher: ZZ_Anusandhan View full book textPage 4
________________ 269 ___ कवि मूकेश वैद्ये कडं हतुं के 'काव्यमां शब्द', 'काव्यर्नु संवेदन' अने 'काव्यव्यापार' जेवा भायाणीसाहेबना ग्रंथो गुजराती भाषामां सर्जनविवेचन प्रवृत्ति संडोवावा इच्छती व्यक्ति माटे आत्मसात् करवा अनिवार्य बनी रहे एवा उत्तम ग्रंथो छे. ओमना संपर्कमां आवq ए ज एक मोटो लहावो हतो. अमना सदाय प्रसन्न मधुर रहेतां व्यक्तित्वनी स्मृति मारे माटे जीवनभर साचवी राखवा जेवो खजानो छे. (सौजन्य : 'जन्मभूमि प्रवासी') Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.orgPage Navigation
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