Book Title: Ananya Rasagnata Vidwattana Swami Harivallabh Bhayani nu Avasan Author(s): Publisher: ZZ_Anusandhan View full book textPage 1
________________ अनन्य रसज्ञता-विद्वत्ताना स्वामी हरिवल्लभ भायाणीनुं अवसान ना आंतरराष्ट्रीय ख्यातिप्राप्त विद्वान, संस्कृत, प्राकृत, अर्धमागधी अने आधुनिक गुजराती तथा अंग्रेजी भाषा-साहित्यना ऊंडा संशोधक-अभ्यासी, सत्त्वशील विवेचक, प्रकांड भाषाशास्त्री अने व्युत्पत्तिशास्त्रना परम ज्ञाता हरिवल्लभ भायाणीए आजे अहीं अंतिम श्वास लीधा ए साथे ज ज्ञानना भार वगरना प्रसन्न- सार्थक जीवननी अनुरागी पेढीना अत्यंत तेजस्वी युगनो अंत आव्यो हतो. __गुजराती भाषामा प्रवर्तमान सर्जन-विवेचननुं व्यापक सर्वेक्षण आपनार, भायाणीसाहेब तरीके ज साहित्य अने विद्याजगतमां आदर साथे ओळखाता हरिवल्लभ भायाणीनुं प्रदान २०मी सदीना गुजराती भाषाना उत्तम विचारक तरीके चिरकाळ सुधी प्रेरक बनी रहे एवं समृद्ध छे.. तेओ छेल्ला बे मासथी बीमार हता अने तेमने अहींनी नाणावटी होस्पीटलमां सारवार अपाई रही हती. तेओ ८३ वर्षना हता. सांताक्रुझ खातेना स्मशानगृहमां गुजराती साहित्य जगतनां आगेवानोनी हाजरी वच्चे सद्गतनां अंतिमसंस्कार करायां हतां ओम तेमना कौटुंबिक वर्तुळोए जणाव्यु हतुं. प्रो. नीतिन महेता, प्रबोध परीख, जयंत पारेख, रसिक शाह, धीरुबहेन पटेल, महेश दवे तथा सुरेश दलाल, भरत नायक, गीता नायक, नौशिल महेता, नीरज वोरा वगेरे भायाणीसाहेबना अंतिमसंस्कारमा हाजर रह्या हतां. तेमनी प्रार्थनासभा रविवार १२मी नवेम्बरना रोज दासकाका होल, विलेपार्ले पाटीदार मंडळ, सरदार पटेल बाग, पार्लेश्वर रोड, विलेपार्ले (ईस्ट) मुंबई ५७ खाते सांजे ५ थी ७ राखवामां आवी हती. साहित्यनी सैद्धांतिक विचारणामां प्रवर्तती स्थगितता अने सार्वत्रिक गूंचवणो दूर करवामां उमाशंकर जोषी, सुरेश जोषी जेवी गणतरीनी गुजराती साक्षर प्रतिभाओमां भायाणीसाहेब मोखरानी व्यक्ति हता. Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.orgPage Navigation
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