Book Title: Amardeep Part 02 Author(s): Amarmuni, Shreechand Surana Publisher: Aatm Gyanpith View full book textPage 8
________________ प्रकाशकीय ___अपने प्रेमी पाठकों के हाथों में हम आज एक महत्वपूर्ण अध्यात्म ग्रन्थ प्रस्तुत कर रहे हैं, जिसे जीवन का ग्रन्थ भी कह सकते हैं। इस ग्रंथ में भारत के ४५ ऋषि महर्षियों की साधना से प्राप्त अनुभवों पर आधारित उपदेश वचनों की व्याख्या है । जैन परम्परा में यह ग्रन्थ 'ऋषिभाषितानि' नाम से प्रसिद्ध हैं। इस ग्रन्थ में अनेक शिक्षाप्रद, रोचक अध्यात्म प्रधान विविध विचार हैं। हमारे परम श्रद्धय उत्तर भारत केसरी श्री अमर मुनि जी महाराज तो इसे जैन परम्परा का 'उपनिषद्' ही कहते हैं, और स्थान-स्थान पर इसी ग्रन्थ के आधार पर बड़े प्रेरक, जीवनस्पर्शी प्रवचन करते हैं। - इस पुस्तक में ऋषिभाषितानि सूत्र पर प्रदत्त प्रवचनों का संग्रह है। इन प्रवचनों में जीवन को आलोक प्रदान करने वाली अद्भुत ज्योति है, प्रकाश है और यह प्रकाश एक शास्वत प्रकाश है, अक्षय ज्योति हैइसलिए इसका सार्थक नाम भी यही रखा गया है-'अमरदीप' । इन प्रवचनों का संग्रह करने में गुरुदेव श्री के मेधावी शिष्य श्री सुव्रत मुनि शास्त्री जी ने बड़ा परिश्रम किया है, तथा इनके सम्पादन में प्रसिद्ध साहित्यकार भाई श्रीचन्द जी सुराना ने बड़ी निष्ठा के साथ कठिन प्रयास किया है। इस पुस्तक के सम्पादन में जैन समाज के जाने-माने कार्यकर्ता, उदार हृदय श्रीयुत प्रेमचन्द जी जैन (जैन एण्ड एसोसियेटेड चन्डीगढ़) ने अपने पूज्य माता-पिता जी की भावनानुरूप बड़ी उदारता के साथ धनराशि प्रदान की है। वे गुरुदेव श्री के परम भक्त हैं और समाज के दानवीरों में उनकी गिनती है। हम संस्था की तरफ से उनको भी हार्दिक धन्यवाद देते हैं, पुस्तक बड़ी होने से इसे दो भागों में विभक्त किया गया है। यह द्वितीय भाग पाठकों के कर-कमलों में सादर समर्पित है। पूज्य गुरुदेव उत्तर भारतीय प्रवर्तक राष्ट्रसन्त श्री भण्डारी पद्मचन्द्र जी महाराज के प्रवर्तक पद चादर महोत्सव पर इस पुस्तक का प्रकाशन 'सोने में सुगन्ध' की तरह हो गया है । हमें विश्वास है, हमारे इस प्रकाशन से जनता लाभ उठायेगी। फकीरचन्द जैन प्रधान-आत्म-ज्ञान पीठPage Navigation
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