Book Title: Agamsaddakoso Part 3
Author(s): Dipratnasagar, Deepratnasagar
Publisher: Agamdip Prakashan
View full book text
________________
(सुत्तंकसहिओ)
३१
भत्त. ५,६० तंदु. ४७,६१ ।। नरगगति [नरकगतियारतिमानी गति दस. २२१,२९८,३४६,४०७,४३५,४३८, नाया. ५२ ४४०,४५०.४६१.५२४: ।
नरयतल [नरकतल] न२ नुतणीयु उत्त. ६.११७.१८९,१९८,२७६,४१६
नाया. ७४: दसा. ३५: ४१८,४२४.४२८.४३०,५००.५३४,
नरगत्त नरकत्व] ना२९५j ५६९,५७५,५८४.७५०,७८९,१००४,
भग. ५५१; १२५६.१२७८,१२९१,१३०४.१३१७,
नरगावास [नरकावास] ना२४ीने २३वानुं स्थान १३३०.१३४३.१४०३,१४०६,१४२७;
पन्न. १९६; नरक [नरक] न२६, न२वास, २त्नप्रभा माहि
नरच्छाया [नरच्छाया] पुरुष छाया સાત નરક, નરક ગતિ
पन्न. ४४१; जीवा. ९६ थी ९९:
नरदावणिय [नरदापनिक मनुष्यनेमापवायोग्य नरकंठ [नरकण्ठ/२त्ननी मे जति
पन्न. १७५; राय. २९,३९: जीवा. १६९;
नरदेव [नरदेव यवती नरकंठण [नरकण्ठक] छुओ 6५२'
ठा. ४३५;
भग.५५४ थी ५५८; जीवा. १७३:
उत्त.४८१ नरकंठग [नरकण्ठक] हुमो 6५२'
नरपवर [नरप्रवर] श्रेष्ठपुरुष जीवा. १७७:
उव.६
राय.४८: नरकंत [नरकान्त ॐ महा नही
नरय [नरक] ४ो 'नरक' टा. ७६०
आया. २४,३७,५३; सूय. ३४४; नरकंतप्पवायदह [नरकान्तप्रपातद्रह] न२७id
ठा. १२०,१५६,३५०,६६३,८७२: નદીનો પ્રવાહ પડે છે તે દ્રહ
सभ. १,१०९,१२१,१६३,२१२,२२०, टा. ८८;
२३४,२३६,२३७ नरकंता [नरकान्ता] मे महानही
भग. ५६४,५६५: नाया. ५२.१६० ठा. ८८.५७३.६४५: सम. ३१;
उवा. १६,१८,५३ थी ५६: जीवा. १७९: . जंबू. २०९,२४९; अंत. २०; पण्हा. ८,१२,४१: नरग [नरक हुमो 'नरक'
उव. ३४,
राय. ६५ आया. १३८: सूय. ३००,३१९, जीवा. ९५,९७,९८,१०५,११९: ३५०,६५७,६६७ थी ६६९,७८१:
पन्न. १९६,३३६: निर. १८: ठा. १९९.३६१: भग. ३६०.३७२ आउ. ४८;
महाप. ४५.५४.१२३: ३७३.५५३,५६५,६७२:
भत्त. १२१
तंदु. २४: पण्हा, ८.१६.२०.२४.३३:
संथा. ९४
दसा. ३५: विवा.६.१३.२०.२८.३१:
दस. २२३,५१५: उत्त. ९८,११७,१४०, उव. ३४.३५,३७;
१६८, १८२, १८५.२०६, ४४०,५८४, जीवा. ८२.९५,९८,९९.११६:
६२४,६६२: पन्न. १९५,१९६.१९९.२००
नरयगइगमनरोह [नरकगतिगमनरोध] न२७ जंबू. ४९: निर. ८:
ગતિમાં જવામાં અટકાવનાર दसा. ३५;
उत्त. १५०.१९४: ॥ चउ. ४७
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org

Page Navigation
1 ... 30 31 32 33 34 35 36 37 38 39 40 41 42 43 44 45 46 47 48 49 50 51 52 53 54 55 56 57 58 59 60 61 62 63 64 65 66 67 68 69 70 71 72 73 74 75 76 77 78 79 80 81 82 83 84 85 86 87 88 89 90 91 92 93 94 95 96 97 98 99 100 101 102 103 104 105 106 107 108 109 110 111 112 113 114 115 116 117 118 119 120 121 122 123 124 125 126 127 128 129 130 131 132 133 134 135 136 137 138 139 140 141 142 143 144 145 146 147 148 149 150 151 152 153 154 155 156 157 158 159 160 161 162 163 164 165 166 167 168 169 170 171 172 173 174 175 176 177 178 179 180 181 182 183 184 185 186 187 188 189 190 191 192 193 194 195 196 197 198 199 200 201 202 203 204 205 206 207 208 209 210 211 212 213 214 215 216 217 218 219 220 221 222 223 224 225 226 227 228 229 230 231 232 233 234 235 236 237 238 239 240 241 242 243 244 245 246 247 248 249 250 251 252 253 254 255 256 257 258 259 260 261 262 263 264 265 266 267 268 269 270 271 272 273 274 275 276 277 278 279 280 281 282 283 284 285 286 287 288 289 290 291 292 293 294 295 296 297 298 299 300 301 302 303 304 305 306 307 308 309 310 311 312 313 314 315 316 317 318 319 320 321 322 ... 546