Book Title: Agam me Sukshma Jivo ki Vaigyanik Vyakhya Author(s): Chandanraj Mehta Publisher: Z_Mohanlal_Banthiya_Smruti_Granth_012059.pdf View full book textPage 3
________________ दर्शन दिग्दर्शन मिट्टी की सतह पर कूडा करकट खाद, मृत जानवर आदि के अम्बार लग जाते। अम्लीय, अधिक आर्द्र या शुष्क, उष्ण या बहुत ठंडी भूमि पर बहुत कम संख्या में सूक्ष्मजीवी पाये जाते हैं। समस्त पौधे व कुछ सूक्ष्म जीव अमानिया से अमीनो अम्ल बनाना की क्षमता रखते हैं। हर प्राणी को तथा अनेक सूक्ष्म जीवों को भोजन में बने बनाए अमीनो अम्ल की आवश्यकता होती है, क्योंकि वे इसमो संश्लेषित नहीं कर सकते / अमीनो अम्ल या न्यूक्लिक अम्ल को सूक्ष्मजीवों द्वारा विखण्डित किये जाने पर अमोनिया निकलती है / प्रकृति में नाइटोजन परिवर्तन में अमोनिया की मुख्य भूमिका होती है। ___ मृदा के सूक्ष्म जीवों का हमारे जीवन में व्यापक महत्त्व है। मनुष्य जीवन के लिये आवश्यक उच्च पौधों की वृद्धि, मृदा में पाए जाने वाले सूक्ष्म जीवों द्वारा नियंत्रित होती है। यदि मृदा में से सूक्ष्म जीवों को निकाल दिया जाए तो समस्त प्राणी, पौधे तथा मनुष्य तक का जीवन खतरे में पड़ जाएगा। सूक्ष्म जीवों के संबंध में जो आगमों में वर्णन आया है उसको मानने में हमें अपनी अज्ञानता व अशिक्षा के कारण कभी-कभी भ्रम हो जाता था पर ज्यों-ज्यों शिक्षा का विकास हुआ, विज्ञान का विकास हुआ त्यों-त्यों हमारा आगमों में विश्वास दृढ़ होता गया या दृढ़ होता जा रहा है। आज जरूरत जिज्ञासु पाठकों की है जो इस दिशा में अध्ययन करें। Jain Education International 2010_03 For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.orgPage Navigation
1 2 3