Book Title: Agam Suttani Satikam Part 19 Bruhat kalpa
Author(s): Dipratnasagar, Deepratnasagar
Publisher: Agam Shrut Prakashan

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Page 503
________________ [4] पंचकल्पनु भाष्य अभे “आगमसुत्ताणि"भा संपाहीत थुछ. (५) ओघ भने पिण्ड बने नियुक्ति विल्छ . यस. मूळसूत्र ३५ प्रसिध्ध छ.४ બંનેની વૃત્તિ અમે આપી છે. તેમજ તેમાં ભાષ્યની ગાથાઓ પણ સમાવિષ્ટ થઈ છે. (5) र प्रकीर्णक सूत्रो भने महानिशीथ मे पाय मागमनी 5 वृत्ति मा ५८०५ यवानो लेप भगतो नथी. प्रकीर्णक नी संस्कृत छाया 6५८०५ छ तेथी भूपीछे. निशीथ-दशा-जितकल्प मेगनी चूर्णि मापीछे. म दशा अने जीतकल्प भे બંને ઉપરવૃત્તિ મળતી હોવાનો ઉલ્લેખ છે, પણ અમે તે મેળવી શક્યા નથી. જ્યારે निशीथ 6५२ तो मात्र वीसभा उद्देशकःनी ४ वृत्ति नो ८ भणे छ. वर्तमान आणे ४५॥राममा ५६५ नियुक्तिः । ४५० क्रम | नियुक्ति श्लोकप्रमाण | क्रम नियुक्ति श्लोकप्रमाण| १. आचार-नियुक्ति । ६. आवश्यक-नियुक्ति २५०० सूत्रकृत-नियुक्ति २६५ ७. ओघनियुक्ति १३५५ बृहत्कल्प-नियुक्ति * ८. पिण्डनियुक्ति ८३५ व्यवहार-नियुक्ति * ९.| दशवैकालिक-नियुक्ति ५. दशाश्रुत०-नियुक्ति | १८० १०. | उत्तराध्ययन-नियुक्ति. ५०० ७०० नोंध:(१) मा मापेर श्लोक प्रमाण मे या संध्या नथी. “3२ १२नो मे als" से प्रभारी नोधायेद श्लोक प्रमाण छ. (२) ★ बृहत्कल्प भने व्यवहार में बने सूत्रोनी नियुक्ति र भाष्य मा मणी छे. नो यथासंभव ८५ वृत्तिकार महर्षि भे भाष्य ७५२नी वृत्तिमा यो होय तेवू જોવા મળેલ છે. (3) ओघ भने पिण्ड नियुक्ति स्वतंत्र मूलआगम स्व३५ स्थान पामेल छ तेथी तेनु स्वतंत्र संपादन आगम-४१ ३५ थर छे. (तम४ ॥ संपानमा ५९छे.) (४) डीन नियुक्तिमाथी दशाश्रुतस्कन्ध नियुक्ति 6५२ चूर्णि भने अन्य पांय नियुक्ति ५२नी वृत्ति अभे सभासंपानमा शीत छ. या माछ नियुक्ति स्पष्ट समय . (५) नियुक्तिस्ता तरी भद्रबाहुस्वामी नो ८५.४ वा भणे छे. Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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