Book Title: Agam Shabdakosha
Author(s): Mahapragna Acharya
Publisher: Jain Vishva Bharati

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Page 44
________________ अड्डतेरसं अंग मुत्ताणि शब्दसूची अणंतजीविय अड्ढतेरस [अर्धत्रयोदशन् ] विवा० १।११७० १६८; १६।११, २३, ३३, २०११६, १८, २९, ३६, अड्ढ रत्त [अर्धरात्र] ठा० ४।२५७. भ० ३।११२ ६७; २३।१; २४।२२८, २५।१३ से १६, २१, २५, अड्ढाइज्ज [अर्धतृतीय] मा० चू० १५॥३३. भ० ३४, ३८, ४०, ४५, ४८, ५० से ५५, ७३, ७५, ७७ २।१२०, १२२;८।१८७; ६।५०, ७४; १४१७४; २४। से ८२, ६३, ११६, १४७, १४८, १५५, १५७, १६३, २४०; २३५३५. नाया० १११११८३; २।११४३. १६८, १६६, १७४, १७६, १८३, १८७ से १८६, विवा० ११११५७ १६१, १६२, १६५ से १६८, २०२, २०५, २०६, अड्ढेज्ज [आढ्यत्व] अ० १०।८३।१ २०८, २१०, २११, २१३, २१५, २२०, २२५, अण इक्कमणिज्ज [अनतिक्रमणीय भ० १४।११२; २२८, २३०, २३५, २३८, २३६, २४७, २५०, २५१, १५६५, ७७. नाया० ११५४४७. उवा० १।३१, ५५, ५६ २५४ से २६०, २६२ से २६५, २६७ से २७२, ३४६, अणइवत्तिय [अनतिवृत्तिक] आ० ६.१०२ ४३०, ४६०; ३५४, ५, ११, १४, १६ से २०; अणंगकिड्डा [अनंगक्रीडा] उवा० ११३५ ४१।१५. नाया० ११११७; १।८।२२५, २२६; १९। अणंगपडिसेवणी [अनंगप्रतिषेविणी] ठा० ५।१०५ ५४।८; १।१६।३२४; २।१।१६. अंत० ३।६२, अणंगसेणा [अनंगसेना] नाया० ११५६; १११६। १०१; अणु० ३७५. पण्हा० १११४; ३।२३, ५११, १४१. अंत० १।१४ ४, १०, ८१ अणंत [अनन्त] आ० चू० १५३१, ३८, ४० ; १६६६. अणंतक [अनन्तक] पण्हा० १।३८; ५७; १०।२ स० ११८१, १२॥५०, ५२; १।६।१७; १।१३।४; अणंतकाय [अनन्तकाय] पण्हा० ११३५ २।२।६७ ; २।६।२३, २४. ठा० ११२२६, २५४ से अणंतकाल [अनन्तकाल] पण्हा० ११३५, ३६; २५६:२१४१८,४६३,४६४, ४६५,३१५४१, ५४२; ३।२२,२३ ४।६५६ से ६६२; ५।८४, ८८, ६७, १७३, १७४, अणंतक्खुत्तो [अनन्तकृत्वस्] भ० ६।८८, ११६ २३६, २४०; ६।१०५, १२६ से १३२; ७।१५४, अणंतखत्तो [अनन्तकृत्वस् ] भ० २१७६; ६।१०४ से १५५; ८।१२७, १२८; ६७३; १०।१०३, १६०१२, ११५; ११४४०, ४२, ५५; १२।१३४, १३५, १३६ से १७४ से १७८.सम०१२; २३॥३, ४,२४।१,५०१२; १४२, १४४ से १५३:१६६५;२११८, १०,३५।१२, ५४१४;प्र०८६ से ६६, १३१, १३२, १३४, २२२. भ० १४, १६ से २०, २३, २५,४६,३६।२; ४०१४, ६, १११६१, १६३, १६४, १६६, १६७, १६६ से २०१, १०,२३,३६ । २०५,२०७, २०८; २।२६, २८, ३६, ४४ से ४६, ७८, अणंतग [अनन्तक] सू० १।२।७५. भ० ६।१६० १२७ से १२६, १३५, १३७, १४०, ३१९४,५२६७, अणं गुण | ठा० ११२३३, २३४. भ० १०६,१०६, ११३,११५, १७६, २०५, २५४, २५५; १११०८ से १११,५५१७२; ६१५२; ७१४०,४६, ५७, ६।१३४,७१६६, १५६, ८।८३, १८६, १८७, १९८, १४५;८1८४, २०५ से २०७, २१२ से २१४, ४०४, २००, २०८, २११, ३८४, ३६६, ३९६, ४०० से ४११,४१७, ४३७, ४४७; १११११०, १२।९६, १००, ४०२, ४११, ४७६ से ४८४; ६।४६, ६८, १२२, १२८, २०५; १४।८१,१५१९८; १६८४१७१८४; १२४, १७४।६।२५०; ११३२, १०७, १०८; १२। २०११२२, २५।१५०, १६२, १६३, १६६, १६७, ५२,८०, ८४ से ८७,६०,६२, ६५, ६६, ६७, १६२ २१०, २११, २३८, २३६, ३५०, से ३५२, ३५५, से १९४, १६६१३१५२ से ५४, ५६, ६१, ६३, ६४, ३५६, ३५६, ३६२, ४६३ से ४६६ ६८ से ७४, ७६, ७७, ८० से ८७; १४१४४, ४६ से अणंतचक्खु [अनन्तचक्षुष् ] सू० १।६।६, २५ ४८, ७६, ८१, १५४; १५।१०१ ; १६।६१; १८।११६, अणंतजीविक [अनन्तजीविक] ठा० ३।१०४ ११७, १५४ से १५७, १७६, १७७, १७६, १८१, अणंतजीविय [अनन्तजीविक] भ० ८।२१६, २२१ २९ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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