Book Title: Agam Shabdakosha
Author(s): Mahapragna Acharya
Publisher: Jain Vishva Bharati

View full book text
Previous | Next

Page 22
________________ अंतरिया अंग सुत्ताणि शब्दसूची अंतिय अंतरिया [अन्तरिका] आ० चू० १५॥३८. नाया० ८६, ८८, २०४,२५६, ७।२०३,२१६,२२०, ८।२५१, ११२८; १।८।१२०, १११६७०२॥१॥३६, ५४ २५४; ६।१३३, १५३, १५५, १५६, १६४ से १६७, अंतरुच्छ्य आ००१।१३३. ७।३६ १६६ से १७८, २१०, २२०, २२६, २३४, २३५, से ३८ १११५६, ६३, ७३, ७६, ७७, ८२ से ८४,८७, ११८, अंतलिक्ख [अन्तरिक्ष] आ० चू० ४।१७. सू० १।। १३४, १३५, १३६, १४२, १४३, १४४,११११४८, ४४; २।२।१८. ठा० ८।२३. भ० २०११६. नाया० १॥ १६६, १६६ से १७१, १७८, १७६, १८१,१८२, ११५७, ५८, १८७६, २०३. उवा० २।४०,४५, ६। १८६, १६४,१६७; १२॥३, ८, १४, १८, २६, २७, २०, २८;७।१०, १७. अंत० ३।४६ ४१, ६४; १३।१०८,११०, १२०; १४।१०६, ११२; अंतलिक्ख [आन्तरिक्ष ] सम० २६।१ १५॥३, ११, १३, २८, ३५, ४२, ५३,५६, ६१, ६८, अंतलिक्खजाय [अन्तरिक्षजात ] आ० ० ११८७; ६६, ७३,७५, ७७, ७८,८०, ८७, ८६, से ६१, ६७, २।१८, १६५१३६ से ३८; ६।३६ से ४१; ७।११ से १०४,१०७,१११,११६, १२०, १२७,१३७, १५०, १५३, १५८, १६५, १७४, १८८; १६॥३४, ५५, ५८, अंतलिक्खय [अन्तरिक्षक] ठा० १०।२० ६०, ६५, ७०, ७१; १८१४४ से ४८, ५३, १३६, अंतलिक्खोदय [अन्तरिक्षोदक] उवा० १।२६ १४६, १४७, २०५, २२१, २२३. नाया० ११११२०, अंतव [अन्तवत्] सू० १।११८१ २६, २९, ३०, ३२, ३६, ४०,४६, ५०, ५२,५६, अंतसो [अन्तशस्] आ० ८।८।१६; ६।१।५. सू० . ५६, ६०, ६१, ७५, १८, १०१ से १०४, १०६ से १।११८६; १।२।६, ५६; १।८।६, ७, १०, ११११११२; ११३, १४५, १४७, १५१, १८६, १६०,१६५, २०६, २।११२५, २७, २८ २०८; १२५७,६८,७६; ११३१२४, ३४; ११४/१८, अंताहार [अन्त्याहार] सू० २।२।६६. ठा० ५।४० २२; १६५।१३, १५, १६, २०, २६ से २८, ३०, ३२, ___भ० ६।२४२, २५१५७०. पण्हा० ६।६ ३८, ४५, ४६, ५६, ६२, ६८, ६६, ७७, ७६, ८०, अंति [अन्तिन् ] ठा० १०॥१२ ८७, ८६,६१,१०१,११७।२६, २७, २९, ३०, ३४, अंतित [अंतिक] ठा० ८।५३ ३५, ४३, ११८।८,१४, ६२, ७६, ६६, १०६, १५६, अंतिम [अन्तिम] ठा० १०।१०३. सम० ५५॥४. भ० १६१, १७२, १८१, १८७; १।६।१७, २७, २६, ३८, ३॥३८; १५३१२७ ४४, ५३,१११०॥३, ५, ११११।३, ५, ७,६; १११२ अंतिमराइय [अन्तिमरात्रिक ] भ० १६६१ २५, ३३, ३५, ३६, ३६, ४०, ४३, ४४, ४५; १११३॥ अंतिमसरीरिय [अन्तिम शारीरिक] भ० ११२०१, २७, ३५, ३६,३६, ४२; १।१४।१३,२८,४२,४५,४७, २०८, ४१६; ५८१,६४, ६५ ४८,५०, ५३, ८२,८७; १११५८, १४, १६; १११६। अंतिम सारीरिय [अन्तिमशारीरिक] ठा० १।३६. १७, २१, २३, २६ से २८,४४, ६७, ७३, ६६, १०१, सम०प्र० १३ १०२, १०४, ११८,१३५, २०१,२१८, २७१, २७२, अंतिय [अन्तिक] आ० १३, २५, ४८, ७६, १०७, २८०, ३१०, ३११, ३२०, ३२१, ३२३, ३२५; १। १३४, १५८; ५।११४; ६१७७. सू० ११२।७१; १।६। १७.११; १४, १६, २५, ३६; १।१८।१५, ४८, ६१; ३२; २।११७०; २।२।५४; २१७।३३, ३६, ३७. ३८. १।१६।१२, १३, ३२,३८, ४२, ४३, ४६, ४७; २।१। ठा० ३८७, ३३६, ३६२, ४।४३४; १०।१२. भ०१ २४, २५, २७, ३१, ३३, ५२; २३५१५; २।६।६।२। ३५६, ३६३; २।३१, ३३, ३४, ४४, ५७,६८, ६६, १०॥६. उवा० ११२३ २४,४५, ५१ से ५३, ५७, ६०, ६७, ६६, १०८, ३।३०, ४७, ५६, ५८, ६६,७१, ७०,७२,७४, ७६.८०; २।१३, १४, १५ से २०, १११, ११२, ११४, ११५, १२६,१३१, ५८३,६५, ४०,४५,३१३, १४, १५ से २०; ४।१३, १४, १८ ११।२। १५, १६, Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

Loading...

Page Navigation
1 ... 20 21 22 23 24 25 26 27 28 29 30 31 32 33 34 35 36 37 38 39 40 41 42 43 44 45 46 47 48 49 50 51 52 53 54 55 56 57 58 59 60 61 62 63 64 65 66 67 68 69 70 71 72 73 74 75 76 77 78 79 80 81 82 83 84 85 86 87 88 89 90 91 92 93 94 95 96 97 98 99 100 101 102 103 104 105 106 107 108 109 110 111 112 113 114 115 116 117 118 119 120 121 122 123 124 125 126 127 128 129 130 131 132 133 134 135 136 137 138 139 140 141 142 143 144 145 146 147 148 149 150 151 152 153 154 155 156 157 158 159 160 161 162 163 164 165 166 167 168 169 170 171 172 173 174 175 176 177 178 179 180 181 182 183 184 185 186 187 188 189 190 191 192 193 194 195 196 197 198 199 200 201 202 203 204 205 206 207 208 209 210 211 212 213 214 215 216 217 218 219 220 221 222 ... 840