Book Title: Agam 37 Dasasuyakkhandam Chauttham Cheyasuttam Mulam PDF File
Author(s): Dipratnasagar, Deepratnasagar
Publisher: Deepratnasagar

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Page 13
________________ ० छट्ठा दसा समत्ता • • सत्तमादसा - भिक्खुपडिमा • [४८] सुतं मे आउसं तेणं भगवया एवमक्खातं - इह खलु थेरेहिं भगवंतेहिं बारस भिक्खुपडिमाओ पन्नत्ताओ, कतराओ खलु ताओ थेरेहिं भगवंतेहिं बारस भिक्खुपडिमाओ पन्नत्ताओ इमाओ खलु ताओ थेरेहिं भगवंतेहिं बारस भिक्खुपडिमाओ पन्नत्ताओ तं जहा- मासिया भिक्खुपडिमा दोमासिया भिक्खुपडिमा तेमासिया भिक्खुपडिमा चउमासिया भिक्खुपडिमा पंचमासिया भिक्खुमा छम्मासिया भिक्खुपडिमा सत्तमासिया भिक्खुपडिमा पढमा सत्तरातिंदिया भिक्खुपडिमा दोच्चा सत्तरातिंदिया भिक्खुपडिमा तच्चा सत्तरातिंदिया भिक्खुपडिमा अहोरातिंदिया भिक्खुपडिमा एगराइया भिक्खुपडिमा । दसा-७ [४९] मासियण्णं भिक्खुपडिमं पडिवन्नस्स अनगारस्स निच्चं वोसट्ठकाए चत्तदेहे जे इ उवसगा उववज्जंति तं जहा - दिव्वा वा माणुस्सा वा तिरिक्खजोणिया वा ते उप्पन्ने सम्मं सहति खमति तितिक्खति अहियासेति, मासियण्णं भिक्खुपडिमं पडिवन्नस्स अनगारस्स कप्पति एगा दत्ती भोयणस्स पडिगाहेत्तए एगा पानगस्स, अन्नाउंछं सुद्धोवहडं निज्जूहित्ता बहवे दुपय- चउप्पय समण-माहण-अतिहिकिवण-वणीमगे, कप्पति से एगस्स भुंजमाणस्स पडिग्गाहेत्तए, नो दोण्हं नो तिण्हं नो चउन्हं नो पंचह नो गुव्विणीए नो बालवच्छाए नो दारगं पेज्जमाणीए नो अंतो एलुयस्स दोवि पाए साहट्टु दलमाणीए नो बाहिं एलुयस्स दोवि पाए साहट्टु दलमाणीए, एगं पादं अंतो किच्चा एगं पादं बाहिं किच्चा एलुयं विक्खंभइत्ता एवं दलयति एवं से कप्पति पडिग्गाहेत्तए, एवं नो दलयति एवं नो से कप्पति पडिग्गाहेत्तए, मासियण्णं भिक्खुपडिमं पडिवन्नस्स अनगारस्स तओ गोयरकाला पन्नत्ता तं जहा - आदि मज्झे चरिमे, आदिं चरति नो मज्झे चरति नो चरिमे चरति, मज्झे चरति नो आदिं चरति नो चरिमं चरति, चरिमं चरति नो आदिं चरति नो मज्झे चरति, मासियण्णं भिक्खुपडिमं पडिवन्नस्स अनगारस्स छव्विधा गोयरचरिया पन्नत्ता तं जहापेला अद्धपेला गोमुत्तिया पयंगवीहिया संवुक्कावट्टा गंतुं पच्चागता, मासियण्णं भिक्खुपडिमं पडिवन्नस्स अनगारस्स जत्थ णं केइ जाणइ गामंसि वा जाव मडंबंसि वा कप्पति से तत्थ एगरायं वत्थए, जत्थ णं केइ न जाणइ कप्पति से तत्थ एगरायं वा दुरायं वा वत्थए, नो से कप्पति एगरायातो वा दुरायातो वा परं वत्थए, जे तत्थ एगरायातो वा दुरायातो वा परं वसति से संतरा छेदे वा परिहारे वा, मासियण्णं भिक्खुपडिमं पडिवन्नस्स अनगारस्स कप्पंति चत्तारि भासाओ भासित्तए तं जहा-जायणी पुच्छणी अणुण्णमणी पुट्ठस्स वागरणी, मासियण्णं भिक्खुपडिमं पडिवन्नस्स अनगारस्स कप्पंति तओ उवस्सया पडिले हित्ततं जहा-अहे आरामगिहंसि वा अहे वियडगिहंसि वा अहे रुक्खमूलगिहंसि वा मासियण्णं भिक्खुपडिमं पडिवन्नस्स अनगारस्स कप्पंति तओ उवस्सया अणुण्णवेत्तए तं जहा - अहे आरामगिहंसि वा अहे वियडगिहंसि वा अहे रुक्खमूलगिहंसि वा, [ दीपरत्नसागर संशोधितः ] Jain Education International [12] For Private & Personal Use Only ? [ ३७-दसासुयक्खंधं ] www.jainelibrary.org

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