Book Title: Agam 36 Chhed 03 Vyavahara Sutra Shwetambar
Author(s): Purnachandrasagar
Publisher: Jainanand Pustakalay

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Page 47
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir अट्ठवासपरियायस्स समणस्स निग्गन्थस्स ठाणसमवाए नामं अङ्गे उदिसित्तए।२५। दसवासपरिया० कप्पइ वियाहे नामं अङ्गे | उद्दिसित्तए।२६। एक्कारसवासपरिया० कप्पइ खुड्डिया विमाणपविभत्ती महल्लियविभाणपविभती अङ्गचूलिया वग्ग(नाचूलिया वियाहचूलिया नामं अन्झयणे उदिसित्तए ।२७। बारसवासपरिया० कप्पइ अरुणोववाए गरुलोववाए धरणोववाए वेसमणोववाए वेलंधरोववाए नामं अन्झ्य णे उद्दिसित्तए।२८ तेरसवासपरिया० कप्पइ उट्ठाणसुए समुट्ठाणसुए देविंदोववाए नागपरियावणि(लि)या नाम अज्झयणे उद्दिसित्तए।२९। चोड़सवासपरिया० कप्पइ सुमिणभावणा नाम अझयणे उद्दिसित्तए।३० पत्ररसवासपरिया० कप्पइ चारणभावणा नामं अज्झयणे उदिसित्तए।३१। सोलसवासपरिया० कप्पइ तेयनिसग्गं०३२। सत्तरसवासपरिया० आसीविसभावणा नामं अज्झयणे उद्दिसित्तए।३३। अट्ठारसवासपरिया० कप्पइ दिट्ठीविसभावणा नाम अझयणे०३४। | एगूणवीसइवासपरिया० कप्पइ दिहिवाए नाम अङ्ग्रे उद्दिसित्तए।३५वीसवासपरियाए समणे निग्गन्थे सव्वसुयाणुवाई भवइ '८३८१३६। दसविहे वेयावच्चे पं० २०-आयरियवेयावच्चे उवझायवेयावच्चे थेरवेयावच्चे तवस्सिवेयावच्चेसेहवेयावच्चे | गिलाणवेयावच्चे साहम्मियवेयावच्चे कुलवेयावच्चे गणवेयावच्चे सङ्घवेयावच्चे, आयरियवेयावच्चं करेमाणे समणे निग्गन्थे | महानिजरे महापज्जवसाणे भवइ० सङ्घवेयावच्चं रेमाणे समणे निग्गन्थे महानिजरे महापज्जवसाणे भवई ८५७१३७१ दसमो उद्देसो१०॥ श्रीव्यवहारच्छेदसूत्रं ३ सम्मत्तं ॥ प्रभु महावीरस्वामीनी पट्टपरंपरानुसार कोटीगण-वैरी शाखा-चान्द्रकुल प्रचंड ॥श्री व्यवहारसूत्रम् ॥ पू. सागरजी म. संशोधित | ३६ | For Private And Personal Use Only

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