Book Title: Agam 32 Chulika 01 Anuyogdwar Sutra Stahanakvasi
Author(s): Aryarakshit, Madhukarmuni, Shobhachad Bharilla, Devkumar Jain Shastri
Publisher: Agam Prakashan Samiti
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४५६
| जोयणसहस्स गाउय पुहुत्त जोयणसहस्स छग्गाउयाई
जो समोसव्वभूएसु | णक्खत्त - देवय-कुले
णत्थि य से कोइ वेसो
णवि अत्थि णविय होही
णामाणि जावि काणि वि
णायम्मि गहियव्वे
गेहिं माणेहिं
ततिया करणम्मि कया
तत्थ पढमा विभत्ती
तत्थ परिच्चायम्मि य
तत्थ पुरिसस्स अंता
तं पुण णामं तिविहं
तिण्णि सहस्सा सत्त य
तो समणो जइ सुमणो | दंडं धणू जुगं णालिया | दंदे य बहुव्वीही
वय सरमंता उ
नगरमहादार इव
नंदी य खुड्डिमा पूरिमा
नासाए पंचमं बूया
निद्देसे पढमा होति
निद्दोसमण समाहाण
निद्दोसं सारवंतं च
पच्चुप्पन्नगाही
पज्झातकिलामिययं
परमाणू तसरेणू
परिजूरियपेरंतं
परियरबंधेण भडं
परियरबंधेण भडं
३५१
३५१
५९९ पासुत्तमसीमंडिय
२८४ पियविप्पयोग-बंध-वह
५९९
पुण्णं रत्तं च अलंकिय
४९२
पुरवरकवाडवच्छा भयजणणरूव-सद्दंधकार
२०९
६०६ भिउडीविडंबियमुहा
६०६ भीयं दुयमुप्पिच्छं
२६१
मज्झिमसरमंता उ
महुरं विलासललियं
मंगी कोरव्वीया
माणुम्माण- पमाणे
२६१
२६२
२२६
२२६
३६७
५९९
३२४
२९४
२६०
पंचमसरमंता उ
पंचमी य अपायाणे
६०
२६०
२६०
२६१
२६२
२६०
ताजा
मित्तो १५ इंदो १६ णिरिती १७
रिसहेणं तु ए सज्जं
रूव-वय-वेय-भासा
वत्थुम्मि हत्थ मिज्जं
वत्थूओ संकमणं
विणयोवयार-गुज्झ-गुरु
विम्हयकरो अपुव्वी
वीरो सिंगारो अब्भुओ
सक्कया पायया चेव
सज्जं च अग्ग्जीहाए
सज्जं रवइ मयूरा
६०६ सज्जं रवइ मुयंगो
२६२ सज्जेण लहइ वित्तिं
३३९ सज्जे १ रिस २ गंधारे
४९२
सत्त पाणि से थोवे
२७१
सत्तसरा नाभीओ
४४६ सत्तस्सरा कतो संभवंति
२६०
२६१
२६२
२६२
२६०
४९२
२६२
२६२
२६०
२६०
२६२
२६०
३३४
४४१
२८६
२६०
२६२
३२४
६०६
२६२
२६२
२६२
२६०
२६०
२६०
२०७
२६०
२६०
३६७
२६०
२६०

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