Book Title: Agam 32 Chulika 01 Anuyogdwar Sutra Stahanakvasi
Author(s): Aryarakshit, Madhukarmuni, Shobhachad Bharilla, Devkumar Jain Shastri
Publisher: Agam Prakashan Samiti
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परिशिष्ट-३
गाथानुक्रम
३७२
३७९
३९४ ३९७
३८१
३७४
२८५ ३०२
६०४ २६२
१६९
| गाथांश अक्खरसमं पयसयं अग्गि १ पयावइ २ सोमे ३ अज्झप्पस्साऽऽणयणं अब्भस्स निम्मलत्तं अब्भुयतरमिह एत्तो अभिई २० सवण २१ धणिट्ठा अवणय गिण्ह य एत्तो असुइ कुणवदुईसण असुइमलभरिय निज्झर अह कुसुमसंभवे काले अंकारंतं धन्नं अंगुल विहत्थि रयणी अंति य इं ति य उ ति य आकारंता माला आकारंतो राया आदिमउ आरभंता आभरण-वत्थ-गंधे आवस्सगस्स एसो आवस्सयं अवस्सकरणिज्ज इङ्गिताकारितै यैः इच्छा १–मिच्छा २—तहक्कारो ३ उत्तरमंदा. रयणी उद्देसे १ निद्देसे य २ उर-कंठ-सिरविसुद्धं उरग-गिरि-जलण-सागर एए णव कव्वरसा
सूत्रांक एएसिं पल्लाणं २६० एएसिं पल्लाणं २८६ एएसिं पल्लाणं ५४६ एएसिं पल्लाणं ४५३ एएसिं पल्लाणं २६२ एएसिं पल्लाणं २८५ कत्तिय १ रोहिणि २ मिगसिर ३ २६१ कम्मे १ सिप्प २ सिलोए ३ २६२ किं १३ कइविहं १४ कस्स १५ कहिं १६ २६२ किं लोइयकरणीओ २६० कुरु-मंदर-आवासा २२६ केसी गायति महुरं ३३२ कोहे माणे माया २२६ गण काय निकाय खंध २२६ गब्भम्मि पुव्वकोडी २२६ गंधारे गीतजुत्तिण्णा २६० चउचलणपतिट्ठाणा १६९ चंडाला मुट्ठिया मेता ७४ छद्दोसे अट्ठ गुणे २९ जत्थ य जं जाणेज्जा ४४७ जस्स सामाणिओ अप्पा २०६ जह तुब्भे तह अम्हे २६० जह दीवा दीवसतं ६०४ जह मम ण पियं दुक्खं २६० जंबुद्दीवाओ खलु ५९९ जंबुद्दीवे लवणे २६२ जुण्णसुरा जुण्णगुलो
७२
३८७ २६०
२६०
२६०
५९९
४९२
५५७

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