Book Title: Agam 31 Chulika 01 Nandi Sutra Stahanakvasi
Author(s): Devvachak, Madhukarmuni, Kamla Jain, Shreechand Surana
Publisher: Agam Prakashan Samiti
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________________ 212] [ नन्दीसूत्र पृष्ठाङ्क गाथा परतिस्थियगहपहनास पुटुसुणेइ सई पुवमदिट्ठमस्सुय भणगं करगं भरगं भई धिइवेलापरिगयस्स भदं सव्वजगुज्जोयगस्स भई सीलपडागूसियस्स भरनित्थरणसमत्था भरहम्मि अद्धमासो भरह सिल पणिय रुक्खे भरह सिल मिढ कुक्कुड भावमभावा हेउमहेउ भासासमसेढीनो मणपज्जवनाणं पुण महुसित्थमुद्दियंके मंडिय-मोरियपुत्ते मिउमद्दवसंपण्णे मूयं हुंकारं वा वडढउवायगवंसो वरकणगतवियचंपग वंदामि अज्जधम्म वंदामि अज्जरक्खिय पृष्ठाडू गाथा 7 वंदे उसमं अजियं 143 वारस एक्कारसमे 72 विणयनयपवर मुणिवर 13 विमल अणंतयधम्म 7 सम्मइंसणवरवइर 4 सव्वबहुअगणिजीवा ___ संखेज्जम्मि उ काले 95 संजमतवतु बारगस्स संवरवरजलपगलिय सावगजणमहुअरिपरिवुडस्स __ सीया साडी दीहं च तणं सुकुमाल कोमलतले 144 सुत्तत्थो खलु पढमो सुमुणियनिच्चानिच्चं 73 सुस्सूसइ पडिपुच्छइ सुहम्मं अग्गिवेसाणं 15 सुहुमो य होइ कालो 206 सेल-घण कुडग चालणि 14 हत्थंमि मुहुत्तंतो 15 हारियगोत्तं साई हेरण्णिए करिसए . G6 PM WWW64 KG Xsrx 202 WAM Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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