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जिनागम-ग्रन्थमाला : ग्रन्थाङ्क – १२
ॐ अर्ह
[ परमश्रद्धेय गुरुदेव पूज्य श्री जोरावरमलजी महाराज की पुण्यस्मृति में आयोजित ]
श्रीदेववाचकविरचित
नन्दीसूत्र
[ मूल पाठ, हिन्दी अनुवाद, विवेचन, परिशिष्ट युक्त ]
प्रेरणा
(स्व.) उपप्रवर्त्तक शासनसेवी स्वामी श्री ब्रजलालजी महाराज
आद्य संयोजक तथा प्रधान सम्पादक
(स्व.) युवाचार्य श्री मिश्रीमलजी महाराज 'मधुकर'
अनुवादन - विवेचन
जैन साध्वी उमरावकुंवर 'अर्चना'
सम्पादन
कमला जैन 'जीजी',
एम.ए.
प्रकाशक
श्री आगमप्रकाशन समिति, ब्यावर ( राजस्थान )