Book Title: Agam 28 Tandulveyaliyam Painnagsutt 05 Moolam
Author(s): Dipratnasagar, Deepratnasagar
Publisher: Agam Shrut Prakashan

View full book text
Previous | Next

Page 7
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir संदुरुषेपालि - (0) नमोनमोनिम्मल सणस्स पंचम मपपर श्री सुपर्मा स्वामिने नमः १८ तंदुलवेयालिय पइण्णयं 11911-1 ||२||-2 ॥३||-3 ||४||-4 1५11-5 ॥६॥-6 ॥७/-7 | पंचमं पइण्णय निजरियजरा-भरणं वंदित्ता जिणवरं महावीरं । वोच्छं पइनसमिणं तंदुलवेयालियं नाम सुणह गणिए दस दसा वाससयाउस्स जहा विभअंति। संकलिए वोगसिएजं चाऽऽउंसेसर्य होइ जत्तियमेत्ते दिवसे जतिय राई मुहत्त ऊसासे । गड्मम्मि वसइ जीवो आहारविहिं च योच्छामि दोत्रि अहोरत्तसए संपुत्रे सत्तसत्तरिं चैव । गअम्भिधसइ जीवो अद्धमहोत्तमन्नं च एए उ अहोरत्ता नियमा जीवस्स गट्मवासम्मि । हीणाऽहिया उ एत्तोउवघायवसेण जायंति अट्ठ सहस्सातिनि उसया मुहत्ताण पत्रवीसाय। गब्बगओ वसइ जिओ नियमा हीणाऽहिया एतो तित्रेवय कोडीओ चउदस य हवंति सयसहस्साई । दस चेव सहस्साई दोत्रिसया पन्नयीसा य उस्सासा निस्सासा एतियामित्ता हयंति संकलिया। जीवस्स गब्यवासे नियमा हीणाऽहिया एतो आउसो इत्थीए नामिहेट्ठा सिरादुर्ग पुप्फनालियागारं । तस्स य हेट्ठाजोणी अहोमुहा संठिया कोसा। तस्स य हिट्ठा चूयस्स मंजरी तारिसा उ मंसस । तेरिउकाले फुडिया सोमियलक्या विमुचंति कोसायारंजोमी संपत्ता सुक्कमीसिया जइया । तइया जीवुधवाए जोग्गा भणिया जिणिंदेहि बारस चेव मुहुत्ता उवरिं विद्धंस गछई साउ। जीदाणं परिसंखा लखपुहत्तं च उककोसा। पणपत्राय परेणं जोणी पमिलावए महिलियाणं। पणसतरीय परओ पाएण पुमं मवेऽबीओ वाससयाउयमेयं परेण जा होइ पुव्वकोडीओ। तस्सऽद्धे अपिलाया सव्वाउयवीसाभागो उ रत्तुक्कडा य इत्थी लक्खपुहत्तं च वारस मुहुत्ता। पिउसंख सयपुहतं बारस वासा उगमस्स INCII-8 ॥९11-9 ||१०-10 ||११|11 ||१२|1-12 |१३|-13 11४1-14 19411-16 For Private And Personal Use Only

Loading...

Page Navigation
1 ... 5 6 7 8 9 10 11 12 13 14 15 16 17 18 19 20 21 22 23 24 25 26