Book Title: Agam 28 Tandulveyaliyam Painnagsutt 05 Moolam
Author(s): Dipratnasagar, Deepratnasagar
Publisher: Agam Shrut Prakashan
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तंदुरुवेपालियं - (१४०) (१४०) पाडल-चंपय-मल्लिय-अगुरुय-चंदण-तुरक्कवामीसं। गंधं समोयरतं मन्नत्तो अप्पाणो गंधं
॥११९।।-119 (१४१) सुहवाससुरहिगंधं च ते मुहं अगुरुगंधियं अंग। केसा हाणसुगंधा कयरोते अप्पणो गंधो
11१२०1-120 (१४२) अच्छिमलो कन्नमलो खेलो सिंघाणओ य पूओ य। असुई मुत्त-पुरीसो एसो ते अप्पणो गंधो
।११२१॥-121 (१४३) जाओ चिय इमाओ इत्थियाओ अनेगेहि कइवरसहस्सेहिं विविहपासपडिबद्धेहिं कामरागमोहिएहिं वत्रियाओ ताओ विय एरिसाओ तंजहा पगइविसमाओ [पियरूसणाओ कतियवचदुप्परूवातो अथकहसिय-भासिय-विलास चीसंभ-पच्याओ अविणयवातोलीओ मोहमहायत्तणीओ विसपाओ पियवयणवल्लरीओ कइयवपेमगिरितडीओ अवराहसहस्सधरिणीओ पभवो सोगस्स विणासो बलस्स सूणा पुरिसाणं नासो लज्जाए संकरो अविणयस्स निलओ नियडीण खाणी यइरस्स-सरीरं सोगस्स भेओ मजायाणं आसओ रागस्स निलओ दुचरियाणं माईए सम्मोहो खलणा नाणस्स वलणं सीलस्स विग्धो धम्मस्स अरी साहूण दूसणं आपारपत्ताणं आरामो कम्मरयस्स फलिओ मुखमग्गस्स भवणं दारिदस्स अवि आइ ताओ आसीविसो विव कुवियाओ मत्तगओ विव मयणपरव्वसाओ यापी विय दुहिययाओ तणच्छन्नकूयो यिय अप्पगासहिययाओ मायाकारओ विव उवयारसयबंधणपओत्तीओ आयरियसविधं पिव दुग्गेज्झसब्याओ फुफुया विच अंतोदहणसीलाओ नग्गयमग्गो विव अणवद्वियचिताओ अंतोद्वणो विव कुहियहिययाओ कपहसप्पो विय अविस्ससणिशाओ संपारो विव छत्रमायाओ संझब्रागो विव मुहत्तरागाओ समुद्दवीचीओ विव चलस्सभावाओ मच्छो विव दुष्परियत्तणसीलाओ वानरो विव चलचित्ताओ मचू विव निव्विसेसाओ कालो विव निरगुणकंपाओ वरुणो विव पासहत्याओ सल्लिपिव नित्रगामिणीओ किविणो विव उत्ताणहत्याओ नरओ विव उत्तासणिजाओ खरो विव दुस्सीलाओ दुदृस्सो विय दुद्दमाओ वालो इय मुहुतहिययाओ अंधकारपिव दुष्पवेसाओ विसवल्ली विव अणल्लियणिज्जाओ दुद्वगाहा इव वावी अणवगाहाओ ठाणमट्ठो विव इस्सरो अप्पसंसाणिज्जाओ किंपागफलमिव मुहमहुराओ रित्तमुट्ठी विव बाललोभणिजाओ मंसपेसीगहणमिव सोबद्दवाओ जलियचुडली विव अमुचमाणडहणसीलाओ अरिद्वमिव दुःल्लंघणिज्जाओ कूडकरिसावणो विव कालविसंवायणसीलाओ चंडसीलो विव दुक्खरखियाओ अइविसायाओ दुगुंछियाओ दुरुवचाराओ आगंभीराओ अविस्ससणिज्जाओ अणत्थियाओ दुक्खरक्खियाओ दुक्खपालियाओ अरतिकराओ ककसाओ दढवेराओ रूय-सोहागमउम्मत्ताओ भुयगगइकुडिलहिययाओ कंतारगइहाणभूयाओ कुल-सयण-मित्तमेयणकारियाओ परदोसपगासियाओ कयग्घा
ओ बलसोहियाओ एगंतहरणकोलाओ पंचलाओ जाइमंडोयगारो विव मुहरागविरागाओ अवि याई ताओ अंतरं मंगसयं अरजुओ पासो अदारुया अडवी अणालस्सनिलओ अइक्खा वेयरणी अनामिओ वाही अवियोगो विप्पलावो अरुओ उपसागो रइयंतो चित्तविब्ममो सच्वंगओ दाहो अणब्भपसूया वद्धासणी असलिलप्पवाहो समुद्दरओ अवि याई तासिं इत्यियाणं अणेगाणि नामनिरुत्ताणि-पुरिसे कामरागप्पडिबद्धे नाणाविहेहिं उयायसयहस्सेहिं वह-बंधणमाणयंति पुरिसाणं नो अत्रो एरिसो अरी अयि ति नारीओ तं जहा-नारीसमा न नराणं अरीओ नारीओ
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