Book Title: Agam 25 Aturpratyakhyan Sutra Hindi Anuwad Author(s): Dipratnasagar, Deepratnasagar Publisher: Dipratnasagar, Deepratnasagar View full book textPage 9
________________ आगम सूत्र २५, पयन्नासूत्र -२, 'आतुरप्रत्याख्यान' देव यह पाँच दुर्गति होती है । इस संसार में-मिथ्यादर्शन रक्त, नियाणा - सहित, कृष्ण लेश्यावाले जो जीव मरण पाते हैं-उन को बोधि दुर्लभ होता है । सूत्र - ४२ इस संसार में सम्यक् दर्शन में रक्त, नियाणा रहित, शुक्ल लेश्यावाले जो जीव मरण पाते हैं उन जीव को बोधि बीज (समकित सुलभ होता है । सूत्र ४३ सूत्र - के शत्रुरूप, बहुत मोहवाले, दूषण सहित, कुशील होत हैं और असमाधिमें मरण पाते हैं वो अनन्त संसारी होते हैं । सूत्र - ४४, ४५ जिन वचन में रागवाले, जो गुरु का वचन भाव से स्वीकार करते हैं, दूषण रहित हैं और संक्लेशरहित होते हैं, वे अल्प संसारवाले होते हैं। जो जिनवचन को नहीं जानते वो बेचारे (आत्मा) - बाल मरण और कईं बार बिना ईच्छा से मरण पाते हैं । सूत्र ४६ शस्त्रग्रहण (शस्त्र से आत्महत्या करना), विषभक्षण, जल के मरना, पानी में डूब मरना, अनाचार और अधिक उपकरण का सेवन करनेवाले जन्म मरण की परम्परा बढ़ानेवाले होते हैं। सूत्र - ४७ उर्ध्व, अधो, तिर्च्छा (लोक) में जीव ने बालमरण किए लेकिन अब दर्शन ज्ञान सहित मैं पंड़ित मरण से I मरूँगा। सूत्र - ४८ उद्वेग करनेवाले जन्म, मरण और नरक में भुगती हुई वेदनाको याद करते हुए अब तुम पंड़ित मरण से मरो सूत्र - ४९ यदि दुःख उत्पन्न हो तो स्वभाव द्वारा उस की विशेष उत्पत्ति देखना (संसारमें भुगते हुए विशेष दुःख को याद करना) संसार में भ्रमण करते हुए मैंने क्या-क्या दुःख नहीं पाए (ऐसा सोचना चाहिए ।) सूत्र ५० और फिर मैंने संसार चक्रमें सर्वे पुद्गल कई बार खाए और परिणमाए, तो भी में तृप्त नहीं हुआ । सूत्र- ५१ तृण और लकड़े से जैसे अग्नि तृप्त नहीं होता और हजारों नदीयों से जैसे लवण समुद्र तृप्त नहीं होता, वैसे काम भोग द्वारा यह जीव तृप्ति नहीं पाता । सूत्र ५२ आहार के लिए (तंदुलीया) मत्स्य सातवी नरकभूमि में जाते हैं। इसलिए सचित्त आहार करने की मन से भी ईच्छा या प्रार्थना करना उचित नहीं है । सूत्र ५३ जिसने पहेले ( अनशन का) अभ्यास किया है, और नियाणा रहित हुआ हूँ ऐसा मैं मति और बुद्धि से सोच कर फिर कषाय को रोकनेवाला मैं शीघ्र ही मरण अंगीकार करता हूँ । मुनि दीपरत्नसागर कृत् " (आतुरप्रत्याख्यान)" आगमसूत्र - हिन्दी अनुवाद" Page 9Page Navigation
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