Book Title: Agam 22 Upang 11 Pushpa Chulika Sutra Shwetambar
Author(s): Purnachandrasagar
Publisher: Jainanand Pustakalay

View full book text
Previous | Next

Page 12
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kcbatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir ॥ ॥श्रीपुष्फचूलिया सूत्र। जइणं भंते! समणेणं भगवता उखेवओ जाव दस अज्झ्या पं००- सिरि हिरि घिति कित्तीओ बुद्धी लच्छी य होइ बोद्धव्वा। इलादेवी सुरादेवी रस( प्र० सह )देवी गंधदेवी य ॥४॥ जइ णं भत्ते! समणेणं भगवया जाव संपत्तेणं उवंगाणं चउत्थस्स वग्गस्स पुण्फचूलाणं दस अज्झयणा पं० पढमस्सणं भंते! उक्खेवओ, एवं खलु जंबू! तेणं कालेणं० रायगिहे नगरे गुणसिलए चेइए सेणिए राया साभी सभोसढे, परिसा निग्गया, तेणं कालेणं० सिरिदेवी सोहम्मे कप्पे सिरिवडिंसए विमाणे सभाए सुहम्माए सिरिसि सीहासणंसि चउहिं सामाणियसाहस्सीहिं चाहिं महत्तरियाहिं सपरिवाराहिं जहा बहुपुत्तिया जाव नट्टविहिं उवदंसित्ता पडिगता, नवयं दारियाओ नत्थि, पुन्वभवपुच्छा, एवं खलु जंबू ! तेणं कालेणं० रायगिहे नगरे गुणसिलए चेइए जियसत्तू राया, तत्थं णं रायगिहे नयरे सुदंसणे नामं गाहावई परिवसति अड्डे०, तस्स णं सुदंसणस्स गाहावइस्स पिया नाम भारिया होत्था सोमाला०, तस्स णं सुदंसणस्स) गाहावइस्स धूया पियाए गाहावतिणीए अत्तिया भूया नाम दारिया होत्या वड्ड। वड्डकुमारी जुण्णा जुण्णकुमारी पडितपुत्थणी वरगपरिवजिया यावि होत्था, तेणं कालेणं० पासे अरहा पुरिसादाणीए जाव नवरयणीए वण्णओ सो चेव, समोसरणं, परिसा || श्रीपुष्पचूलिया सूत्र पू. सागरजी म. संशोधित For Private And Personal Use Only

Loading...

Page Navigation
1 ... 10 11 12 13 14 15 16 17 18 19