Book Title: Agam 22 Pupphachuliyanam Uvangsutt 11 Moolam
Author(s): Dipratnasagar, Deepratnasagar
Publisher: Agam Shrut Prakashan

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Page 8
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir अग्धपण-१-१० करेत्ता वंदइ नमसइ जाव पञ्जुवासइ तए णं पासे अरहा पुरिसादाणी भूयाए दारियाए तोसे य महइमहालियाए परिसाएधम्मपरिकहेइ धम्मं सोमानिसप्पहत्तुहा यंदइनमसइयंदित्ता नमसित्ता एवं वयासी-सहामिण भंते निग्गंयंपाययणंजाव अमुडेमिणं भंते निग्गधं पावयणं से जहेयं तुब्मे क्यह जं नवरं भंते अम्मापियरो आपुछामि तए णं अहं दिवाणुप्पियाणं अंतिए मुंडे मयित्ता अगाराओ अणगारियं] पव्ययामि अहासुहं देवाणुप्पिए तए णं सा पूया पारिया तमेव धम्पियं जाणप्पवरं दुरूहइ दुरूहित्ता जेणेव रायगिहे नयरे तेणेव उवागया रायगिहं नयरंमझमझेणंजेणेव सएगिहे तेणेव उवागया रहओ पचोरुहिता जेणेव अम्पापियरोतेणेव उवागयाकरयल[परिग्गहियं दसनहं सिरसावत्तं मत्यए अंजलि कड् जहा जमाली आपुच्छड़ अहासुहं देवाणुप्पिए तए णं से सुदंसणे गाहावई विउलं असणं पाणं खाइसं साइमं उवक्खडावेइ मित्त-नाइ-नियग-सयण-संबंधिपरियणं आमंतेइ आमंतेत्ता जाव जिमियमुत्तुत्तरकाले सुईमूए निक्खमणमाणेत्ता कोडुबि-यपुरिसे सद्दावेइ सद्दावेत्ता एवं वयासी-खिप्पामेव भो देवाणुप्पिया भूयाए दारियाए पुरिसस-हस्सवाहिणिं सीयं उवट्ठवेह उवट्ठवेत्ता एयमाणत्तियं पञ्चप्पिणह तए णं ते कोडुबियपुरिसा तमाणत्तियं पच्चप्षिणति तए णं से सुदंसणे गाहावई भूयं दारियं पहायं जाव सव्वालंकारवि- मूसियसरीरं पुरिससहस्सवाहिणिं सीयं दुरूहेइ दुरुहेत्ता मित-नाइ-नियग-सयण-संबंधि-परियणेणं सद्धिं संपरिबुडे सब्बिड्डीए जाव दुंदुहि-निग्योसणाइयरवेणं] रायगिह नयरं मझमज्झेणं जेणेव गुणसिलए चेइए तेणेय उवागए छत्तातीए तित्ययरातिसए पासइ पासित्ता सीयं ठवेइ ठवेत्ता भूयं दारियं सीयाओ पञ्चोरुहेइ तए णं तं भूयं दारियं अम्मापियरो पुरओ काउं जेणेव पासे रहा पुरिसादाणीए तेणेव उवागया तिक्खुत्तो वंदति नमसंति वंदित्ता नमंसित्ता एवं वयासी-एवं खलु देवाणुप्पिया पूया दारिया अहं धूया इट्ठा एस णं देवाणुप्पिया संसारमउब्विग्गा भीया जम्मणमरणाणं देवाणुप्पियाणं अंतिए मुंडा मवित्ता अगाराओ अणगारिवं पव्ययाइ तं एयं णं देवाणप्पिया सिस्सिणीभिकखं दलयामो पडिच्छंतु णं देवाणुप्पिया सिस्सिणिभिक्खं अहासुहं देवाणुप्पिया तए णं सा पूया दारिया पासेणं अरहा एवं वुत्ता सपाणी हडतहा उत्तरपुरस्थिमं दिसीमागं अवकूकमई अवकमित्ता सयमेव आमरणमल्लालंकारं ओमुयइ जहा देवाणंदा पुष्पचूलाणं अंतिए जाव गुत्तबंभयारिणी तए णं सा भूया अजा अण्णयाकयाइ सरीरयाओसियाजायायावि होत्या-अभिक्खणं अभिक्खणं हत्ये धोवइ पाए धोवइ सीसं धोवइ मुहं धोवइ थणगंतराइं धोवइ कक्खंतराई धोवइ गुज्झंतराई धोवइ जत्यजत्य विय णं ठाणं वा सेजं वा निसीहियं वाचेएइ तत्य-तत्य वियणपुवामेव पाणएणं अब्मुक्खेइ तओ पच्छा ठाणं वा सेनं वा निसीहियं वा चेएइ तएणं ताओ पुष्फचूलाओ अज्ञाओ भूयं अझं एवं वयासी-अम्हे णं देवाणुप्पिए समणीओ निगगंधीओ इरियासमियाओ जाव गुत्तबंभयारिणीओ नो खलु कप्पइ अम्हं सरीरबाओसियाणं होत्तए तुमं च णं देवाणुप्पिए सरीरबाओसिया अभिक्खणंअभिक्खणं हत्ये धोवसिजाय निसीहियं चेएसितंणंतुमं देवाणुप्पिए एयरस ठाणस्स आलोएहिं सेसं जहा सुभद्दाए जाव पाडिएक्कंउदस्सयंउदसंपञ्जित्ताणं विहरई तए णं सा पूया अशा अणोहटिया अणिवारिया सच्छंदमई अभिक्खणं-अभिक्खणं हत्थे धोवइ जाव निसीहियं या चेएइ तए णं सा भूया अञ्जा बहूहि चउत्थ-छट्ट-ट्ठम दसम-दुवालसेहि मासद्ध-मासखमणेहिं विचित्तेहिं तवोकमेहिं अपाणं भावमाणी] बहूई यासाइं सामण्णपरियागं For Private And Personal Use Only

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