Book Title: Agam 10 Ang 10 Prashna Vyakaran Sutra Stahanakvasi
Author(s): Madhukarmuni, Shobhachad Bharilla
Publisher: Agam Prakashan Samiti

View full book text
Previous | Next

Page 331
________________ २९४] [प्रश्नव्याकरणसूत्र मुखवस्त्रिका १८० १३ मूयक मूसल मेर मोक्ख महासउणि- महाशकुनि और पूतना मुहणतकपूतनारिपु के शत्रु १२२ (पोत्तिय) महादि अपरिमित याचना वाला, महंती परिग्रह का १४ वां नाम १४३ महिच्छा तीव्र इच्छा, परिग्रह का नाम १४३ मूक महिस भैंसा मूलकम्म महुकरी मधुमक्खी महुकोसए मधु के छत्ते मेयणी महुघाय मधु लेने वाला मेय महुर महुर देश मेत्त महेसी महर्षि महोरग बड़ा सर्प माढि मेहला ढाल माणुसोत्तर मनुषोत्तर पर्वत मेहुण माया माया-कपट मोग्गर मायामोसो माया-मृषा मोट्ठिय मारणा हिंसा का ७ वां नाम मोयग मारुय मारुत-वायु मालव मालव देश मास माष देश मंगल मित्तकलत्त मित्र की पत्नी मिच्छद्दिट्ठी मिथ्यादृष्टि वाला १५६ मिलक्खुजाई म्लेच्छजातीय २५ मृग मुइंग मृदङ्ग मुगुस मंगूस-भुजपरिसर्प, जन्तुविशेष १४ मंदुय मुट्टिन मौष्टिक देश २५ मम्मणा मौष्टिक मल्ल २५३ मंस मुत्त मोती २०० मिज मूर्धा-मस्तक १२८ मुगुस अग्नि के कण २९ यम मर्दल २५३ रक्खस मुरुड देश २५ रक्खा १२३ भुशुडी-प्रहरणविशेष २२ रत्तसुभद्दा मोसं मोह महती-महिता सम्पन्न, अहिंसा का १५ वां नाम गूगा ४७ एक प्रकार का तृण २०८ गर्भपात आदि मूल कर्म ७३ खांडने का उपकरण पृथ्वी मेद धातु मेद देश मूज के तन्तु २०८ मेखला २५३ मोक्ष २१३ मैथुन १३५ मुद्गर मुष्टिप्रमाण पत्थर मोदक २४२ मिथ्या मोह-अब्रह्म का एक नाम ११३ मङ्गलकारी, अहिंसा का ३० वाँ नाम मण्डप-रावटी मंडप मेढक मेरु पर्वत मन्दुक-जल तुतलाकर बोलने वाला मांस मज्जा मंगुस-गिलहरी मूलव्रत--आजीवन व्रत २१३ राक्षस रक्षा, अहिंसा का ३३ वां नाम रक्तसुभद्रा १३७ मिय मंडक मंडव १३ मंडक्क २५३ मंदर | ওও मुट्टिय १४ मुम्मुर मुरय मूसल मुसल मुसंढि

Loading...

Page Navigation
1 ... 329 330 331 332 333 334 335 336 337 338 339 340 341 342 343 344 345 346 347 348 349 350 351 352 353 354 355 356 357 358 359