Book Title: Agam 08 Antkruddasha Sutra Hindi Anuwad
Author(s): Dipratnasagar, Deepratnasagar
Publisher: Dipratnasagar, Deepratnasagar

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Page 30
________________ आगम सूत्र-८, अंगसूत्र-८, 'अंतकृत् दशा' वर्ग/अध्ययन/ सूत्रांक तप अंगीकार करके विचरना चाहती हूँ।' आर्या चन्दना की आज्ञा पाकर रत्नावली के समान सुकाली ने कनकावली तप का आराधन किया । विशेषता इसमें यह थी कि तीनों स्थानों पर अष्टम-तेले किये जब कि रत्नावली में षष्ठ-बेले किये जाते हैं । एक परिपाटी में एक वर्ष, पाँच मास और बारह अहोरात्रियाँ लगती हैं । इस एक परिपाटी में ८८ दिन का पारणा और १ वर्ष, २ मास, १४ दिन का तप होता है । चारों परिपाटी का काल पाँच वर्ष, नौ मास और अठारह दिन होते हैं । शेष वर्णन काली आर्या के समान है । नौ वर्ष तक चारित्र का पालन कर यावत् सिद्ध, बुद्ध और मुक्त हो गई। वर्ग-८ अध्ययन-३ सूत्र-५२ काली की तरह महाकाली ने भी दीक्षा अंगीकार की। विशेष यह कि उसने लघुसिंह निष्क्रीडित तप किया जो इस प्रकार है-उपवास किया, करके सर्वकामगुणयुक्त पारणा किया, बेला किया, करके सर्वकामगुणयुक्त पारणा किया, उपवास किया, करके सर्वकामगुणयुक्त पारणा किया, तेला किया, करके सर्वकामगुणयुक्त पारणा किया, बेला किया, करके सर्वकामगुणयुक्त पारणा किया, चौला किया, करके सर्वकामगुणयुक्त पारण किया, तेला किया, करके सर्वकामगुणयुक्त पारणा किया, पचौला किया, करके सर्वकामगुणयुक्त पारणा किया, चौला किया, करके सर्वकामगुणयुक्त पारणा किया, छह उपवास किये, करके सर्वकामगुणयुक्त पारणा किया, सात उपवास किये, सर्व-कामगुणयुक्त पारणा किया, आठ उपवास किये, करके सर्वकामगुणयुक्त पारणा किया, सात उपवास किये, करके सर्वकामगुणयुक्त पारणा किया। नौ उपवास किये, सर्वकामगुणयुक्त पारणा किया, आठ उपवास किये, सर्वकामगुणयुक्त पारणा किया, नौ उपवास किये, करके सर्वकामगुणयुक्त पारणा किया, सात उपवास किये, करके सर्वकामगुणयुक्त पारणा किया, आठ उपवास किये, करके सर्वकामगुणयुक्त पारणा किया, छह उपवास किये, करके सर्वकामगुणयुक्त पारणा किया, सात उपवास किये, करके सर्वकामगुणयुक्त पारणा किया, पाँच उपवास किये, करके सर्वकामगुणयुक्त पारणा किया, छह उपवास किये, करके सर्वकामगुणयुक्त पारणा किया, चौला किया, करके सर्वकामगुणयुक्त पारणा किया, पचौला किया, करके सर्वकामगुणयुक्त पारणा किया, तेला किया, करके सर्वकामगुणयुक्त पारणा किया, चौला किया, करके सर्वकामगुणयुक्त पारणा किया, बेला किया, करके सर्वकामगुणयुक्त पारणा किया, तेला किया, करके सर्वकामगुणयुक्त पारणा किया, उपवास किया, करके सर्वकामगुणयुक्त पारणा किया, बेला किया, करके सर्वकामगुणयुक्त पारणा किया, उपवास किया, करके सर्वकामगुणयुक्त पारणा किया । इसी प्रकार चारों परिपाटियाँ समझनी चाहिए । एक परिपाटी में छह मास और सात दिन लगे । चारों परिपाटियों का काल दो वर्ष और अट्ठाईस दिन होते हैं यावत् महाकाली आर्या सिद्ध हुई। वर्ग-८ अध्ययन-४ सूत्र-५३ इसी प्रकार कृष्णा रानी के विषय में भी समझना । विशेष यह कि कृष्णा ने महासिंह निष्क्रीडित तप किया। लघुसिंह निष्क्रीडित तप से इसमें इतनी विशेषता है कि इसमें एक से लेकर १६ तक अनशन तप किया जाता है और उसी प्रकार उतारा जाता है । एक परिपाटी में एक वर्ष, छह मास और अठारह दिन लगते हैं। चारों परिपाटियों में छह वर्ष, दो मास और बारह अहोरात्र लगते हैं। वर्ग-८ अध्ययन-५ सूत्र-५४ काली आर्या की तरह आर्या सुकृष्णा ने भी दीक्षा ग्रहण की । विशेष यह कि वह सप्त-सप्तमिका भिक्षुप्रतिमा ग्रहण करके विचरने लगी, जो इस प्रकार है-प्रथम सप्तक में एक दत्ति भोजन की और एक दत्ति पानी की मुनि दीपरत्नसागर कृत् " (अंतकृद्दशा) आगमसूत्र-हिन्द-अनुवाद" Page 30

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