Book Title: Agam 04 Ang 04 Samvayang Sutra Shwetambar Agam Guna Manjusha
Author(s): Gunsagarsuri
Publisher: Jina Goyam Guna Sarvoday Trust Mumbai

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Page 51
________________ FOROF555555555 (4) समवायंगमनं - अंगमकरवायं - अन्झयणं (38] 555555555OOK HOIC%听乐听听听听听听听听听听听听听听听乐乐乐乐乐乐乐$乐听听听听听听听听乐听听听听听听听听听听听听FG धम्मतित्थस्स देसगा॥१५१।। एतेसिणं चउवीसाए तित्थकराणं पुव्वभविया चउवीसं नामधेज्जा भविस्संति, तंजहा सेणिय सुपास उदए, पोट्टिल अणगारे तह दढाऊ य / कत्तिय संखे य तहा, णंद सुणंदे सतए य बोधव्वा / / 152 / / देवई चेव सच्चति तह वासुदेवे बलदेवे। रोहिणि सुलसा चेव य तत्तो खलु रेवती चेव // 153|| तत्तो हवति मिगाली बोधव्वे खलु तहा भयाली य / दीवायणे य कण्हे तत्तो खलु नारए चेव // 154|| अमंडे दारुमडे या सातीबुद्धे य होति बोधव्वे / उस्सप्पिणि आगमेसाए तित्थकराणं तु पुव्वभवा // 155 / / एतेसि णं चउवीसं तित्थकराणं चउवीसं पितरो भविस्संति, चउवीसं मातरो भविस्संति, चउवीसं पढमसीसा भविस्संति, चउवीसं पढमसिस्सिणीतो भविस्संति, चउवीसं पढमभिक्खादा भविस्संति. चउवीसं चेतियरुक्खा भविस्संति / जंबुद्दीवेणं दीवे भरहे वासे आगमेसाए उसप्पिणीए बारस चक्कवट्टी भविस्संति, तंजहा. भरहे य दीहदंते गूढदंते य सुदंते य / सिरिउत्ते सिरिभूती सिरिसोमे य सत्तमे // 156|| पउमे य महापउमे विमलवाहणे विपुलवाहणे चेव / रिट्ठे बारसमे वुत्ते आगमेसा भरहाहिवा // 157 / / एतेसिणं बारसण्हं चक्कवट्टीणं बारस पितरो भविस्संति, बारस मातरो भविस्संति, बारस इत्थीरयणा भविस्संति / जंबुद्दीवे णं दीवे भरहे वासे आगमेसाए उस्सप्पिणीए णव बलदेव-वासुदेवपितरो भविस्संति, णव वासुदेवमातरो भविस्संति, णव बलदेवमातरो भविस्संति णव दसारमंडला भविस्संति, तंजहा उत्तिमपुरिसा मज्झिमपुरिसा पहाणपुरिसा ओयंसी एवं सो चेव वण्णतो भाणियव्वो जाव नीलगपीतगवसणा दुवे दुवे रामकेसवा भातरो भविस्संति, तंजहा णंदे य 1 णंदमित्ते 2 दीहबाहू 3 तहा महाबाहू 4 | अइबले 5 महब्बले 6 बलभद्दे य सत्तमे 7 // 158 // दुविठ्ठ य 8 तिव्विळू य 9 आगमेसाणं वण्हिणो। जयंते विजए भद्दे सुप्पभे य सुदंसणे // आणंदे णंदणे पउमे संकरिसणे य अपच्छिमे // 159|| एतेसिणं नवण्हं बलदेव-वासुदेवाणं पुव्वभविया णव नामधेज्जा भविस्संति, णव धम्मायरिया भविस्संति, णव नियाणभूमीओ भविस्संति, णव नियाणकारणा भविस्संति, णव पडिसत्तू भविस्संति, तंजहा तिलए य लोहजंधे वइरजंधे य केसरी य पहराए। अपराजिये य भीमे महाभीमसेणे य सुग्गीवे य अपच्छिमे // 160 // एते खलु पडिसत्तू कित्तीपुरिसाण वासुदेवाणं / सव्वे य चक्कजोही हम्मिहिंति सचक्केहिं // 161|| जंबुद्दीवे णं दीवे एरवते वासे आगमेसाए उस्सप्पिणीए चउवीसं तित्थकरा भविस्संति, तंजहा सुमंगले अत्थसिद्धे य, णेव्वाणे य महाजसे। धम्मज्झए य अरहा, आगमेसाण होक्खति / / 162 / / सिरिचंदे पुप्फकेऊ य, महाचंदे य केवली / सुयसागरे य अरहा, आगमेसाण होक्खती॥१६३|| सिद्धत्थे पुण्णघोसे य, महाघोसे य केवली। सच्चसेणे य अरहा, अणंतविजए इय॥१६४।। सूरसेणे महासेणे, देवसेणे य केवली / सव्वाणंदे य अरहा, देवउत्ते य होक्खती॥१६५|| सुपासे सुव्वते अरहा, महासुक्खे य कोसले। देवाणंदे अरहाणं विजये विमल उत्तरे // 166 / / अरहा अरहा य महायसे / देवोववाए अरहा आगमेस्साण होक्खती // 167|| एए वुत्ता चउव्वीसं, एरवतवासम्मि केवली। आगमेसाण होक्खंति, धम्मतित्थस्स देसगा // 168|| बारस चक्कवट्टिपितरो मातरो चक्कवट्टिइत्थीरयणा भविस्संति, नव बलदेव-वासुदेवपितरो मातरोणव दसारमंडला भविस्सति, तंजहा उत्तिमपुरिसा जाव रामकेसवा भायरो भविस्संति, नामा, पडिसत्तू, पुव्वभवणामधेज्जाणि, धम्मायरिया, णिदाणभूमीओ, णिदाणकारणा, आयाए, एरवते आगमेसा भाणियव्वा, एवं दोसु वि आगमेसा भाणियव्वा / 169. इच्चेतं एवमाहिज्नति, तंजहा कुलगरवंसे ति य एवं तित्थगरवंसे ति य चक्कवट्टिवंसे ति य दसारवंसे ति य गणधरवंसे ति य इसिवंसे ति य जतिवंसे ति य मुणिवंसे ति य सुते ति वा सुतंगे ति वा सुतसमासे ति वा सुतखंधे ति वा समाए ति वा संखेति वा / समत्तमंगमक्खायं, अज्झयणं ति त्ति बेमि // // समवाओ चउत्थमंगं सम्मत्तं // ] ग्रं० 1667 / / DIGI9555555555555555555555555555555555555555555QOXORY (સૌજન્ય: શ્રી ખામગામ જૈન સંઘ Keros155555555555555555555555 श्री आगमगुणमंजूषा-२१५-555555555555555555555555555OOK

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