Book Title: Agam 02 Ang 02 Sutrakrutang Sutra Ka Darshanik Adhyayan
Author(s): Nilanjanashreeji
Publisher: Bhaiji Prakashan

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Page 422
________________ शास्त्री 1991 Jain Education International 2001 94. सर्वार्थ सिद्धि 95. तत्वार्थ राजवार्तिक भाग-1/2 96. तत्वार्थ (श्रुतसागरीय वृत्ति) 97. दशाश्रुतस्कन्ध चूर्णि वि.सं. 2011 भारतीय ज्ञानपीठ प्रकाशन, दिल्ली ले. भट्ट अकलंकदेव भारतीय ज्ञानपीठ प्रकाशन, दिल्ली सं. महेन्द्र कुमार जैन भारतीय ज्ञानपीठ प्रकाशन, काशी ले. जिनदासगणि मणिविजयजीगणि ग्रन्थमाला, भावनगर दार्शनिक ग्रन्थ लेखक, सम्पा., अनु., विवे. प्रकाशक वसुबन्धु के. पी. रि. इन्स्ट्रीट्यूट, पटना सं. भिक्षु जगदीश काश्यप पालि प्रकाशन मण्डल, नालन्दा, बिहार पाणिनी निर्णय सागर प्रेस, मुम्बई ले. कुन्दकुन्दाचार्य अनन्तकीर्ति माणिकचन्द्र ग्रन्थमाला, मुम्बई सं. स्वामी द्वारिकादास शास्त्री प्राच्य भारती प्रकाशन, कमच्छा, वाराणसी संस्करण 1967 For Private & Personal Use Only [416] 1916 1916 क्र. ग्रन्थ का नाम 98. अभिधर्मकोश 99. अभिधम्मपिटक 100. अष्टाध्यायी 101. अष्टपाहुड 102. अष्टाविंशत्युपनिषद् 103. अंगपण्णपत्ति 104. अंगुत्तरनिकाय 105. अथर्ववेद 106. आगम और व्याख्या साहित्य 107. आगम साहित्य : एक परिशीलन 108. आगम और त्रिपिटक : एक अनुशीलन खण्ड - 2 1969 अनु. भदन्त आनन्द कौसल्यायन सं. श्रीराम शर्मा ले. विजयमुनि शास्त्री एच.एल. कापडिया . ले. मुनि श्री नगराजजी (डी.लिट्.) महाबोधि सभा, कलकत्ता संस्कृति संस्थान, बरेली सन्मति ज्ञानपीठ, आगरा हीरालाल रसिकदास कापडिया, सूरत अर्हत् प्रकाशन, अ.भा.श्वे.ते. समाज कलकत्ता 1964 1941 1982 www.jainelibrary.org

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