Book Title: Agam 02 Ang 02 Sutrakrutang Sutra Ka Darshanik Adhyayan
Author(s): Nilanjanashreeji
Publisher: Bhaiji Prakashan

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Page 427
________________ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org 166. प्रभावक चरित 167. प्रमाण मीमांसा 168. प्रमाण वार्तिक 169. प्रमुख जैनागमों में भारतीय दर्शन के तत्व ( शोध प्रबन्ध) 170. प्रमेय कमल मार्त्तण्ड 171 प्रशस्तपाद भाष्य 172. प्राकृत भाषा और साहित्य का आलोचनात्मक इतिहास 173. प्राकृत व्याकरण 174. प्राकृत साहित्य का इतिहास 175. द्वात्रिंशद् द्वात्रिंशिका 176. बौद्ध दर्शन 177. बृहद् द्रव्य संग्रह 178. बृहदारण्यकोपनिषद् 179. ब्रह्मसूत्र (शांकर भाष्य ) 180. भगवद् गीता सं. मुनि जिनविजयजी आचार्य हेमचन्द्रसूर धर्मकीर्ति साध्वी सुप्रभा प्रशस्तपादाचार्य डॉ. नेमिचन्द्र शास्त्री सं. वज्रसेन विजयजी डॉ. जगदीशचन्द्र जैन आ. सिद्धसेन दिवाकर ले. आचार्य नरेन्द्रदेव नेमिचन्द्र सिद्धान्त देव भा. आचार्य शंकर शंकराचार्य अनु. हरिकृष्णदास गोयन्दका सिंघि जैन ज्ञानपीठ, अहमदाबाद सिंघि जैन ग्रन्थमाला, अहमदाबाद उड़ीसा रिसर्च जर्नल, पटना भेरूलाल माँगीलाल धर्मावत, उदयपुर वाराणसेय सं. विश्व. वाराणसी तारा पब्लिकेशन्स कमच्छा, वाराणसी भद्रंकर प्रकाशन, महालक्ष्मी सोसाइटी शाही बाग, अहमदाबाद चौखम्बा विद्याभवन, वाराणसी - 1 विजय लावण्य सूरि ग्रन्थमाला, बोटाद मोतीलाल बनारसीदास पब्लिशर्स प्रा. लि., दिल्ली श्री वीतराग सत् साहित्य प्रचारक ट्रस्ट, भावनगर गीताप्रेस गोरखपुर निर्णयसागर प्रेस, मुम्बई गीताप्रेस, गोरखपुर 1940 1939 1967 1994 1963 1966 1994 1985 1977 2001 वि.सं. 2033 वि.सं. 2014 1934 1917 [421]

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