Book Title: Adwait Dipika Part 02
Author(s): S Subramanya Shastri
Publisher: Sampurnand Sanskrit Vishvavidyalaya

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Page 15
________________ पृष्ठ 215 216 217 218 223 222 224 230 217 228 229 तृतीयपरिच्छेदः विषयः मूलटीकयोमङ्गलाचरणम् तत्पदार्थनिरूपणप्रतिज्ञा ईश्वरे श्रुतेरेव प्रमाणता ताकिंकाभिमतस्य ईश्वरानुमानस्य निराकरणम् अनुकूलतर्काभावानेश्वरानुमानयुक्तम् अनुमाननिरासस्य क्षितिकर्तुः कृतिनिरासे तात्पर्यम् कार्येकर्तृमत्वं दुर्वचं अतः उपाधेदुरित्वं शरीराजन्यत्वादेः ज्ञानेच्छयोः कृतिद्वारा घटजनकत्वनिराकरणम् अंकुरादिना कृत्यनुमाने ज्ञानेच्छयोरीश्वरे असिद्धिः जगत्कर्तरि नित्यज्ञानसाधनखण्डनम् कार्यत्वलिङ्गादीश्वरसिद्धिनिरासः क्षित्यादिकृतेः सर्वगोचरत्वं नानुमानात् सिद्धयेत् कृतेः चेष्टामात्रे हेतुत्वं न कार्यमार्गे अनुमानेन ईश्वरे सर्वज्ञत्वासिद्धिः / ब्रह्मणः उपनिषदेकवेद्यतायां अविषयत्वाव्याघातः / शाब्दापरोक्षवादे पूर्वपक्षः प्रत्यभिज्ञाने स्मृतिलक्षणातिव्याप्तिः शब्दस्य विचारासहकृतस्य साक्षात्कारे हेतुतानिरासः शाब्दापरोक्षवादे माध्वपूर्वपक्षः अपरोक्षार्थविषयकत्वमेवापरोक्षत्वं तत्र संशयः शाव्दापरोक्षे सिद्धान्तः सामान्यलक्षणानिरासः सामान्यलक्षणाभावेपि व्याप्तिग्रहः ज्ञानल णानिरासः 230 231 1233 234 234 236 237 237 226 241 248

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