Book Title: Adhar Abhishek Vidhi
Author(s): Arvindsagar
Publisher: Sanjaybhai Pipewala

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Page 25
________________ श्री अढार अभिषेक विधि ॐ ह्रां ह्रीँ हूँ हैं ह्रौँ ह्रः परमार्हते परमेश्वराय गन्ध-पुष्पादि-संमिश्र-मृगमदश्रीखण्ड-कश्मीरजादि-संयुत-जलेन स्नापयामीति स्वाहा। ए मंत्र बोली स्नात्र करी, तिलक आदिथी पूजन करी पुष्पांजलि लई नीचेनो श्लोक बोलवो. नानासुगन्धि-पुष्पौध-रजिता चञ्चरीक-कृतनादा। धूपामोद-विमिश्रा, पततात्पुष्पाञ्जलि-बिम्बे ।।१।। ॐ ह्रां ह्री हूँ है ह्रौं ह्रः पुष्पाञ्जलिभिरर्चयामीति स्वाहा। ए मंत्र बोली पुष्पांजलिथी पूजन करवू. इति अष्टादश स्नात्रम् ।। चोक्खा पाणीथी प्रभुजीनुं प्रक्षाल करी अंगलुछणा करी अष्टप्रकारी पूजा, चैत्यवंदन, आरती-मंगळदीवो रोजांतिकळश कर. बोकसगापरसरितानमानगांव मिहावीर जमाराधना होना at अमानोरा प्रकाशित पुस्तको सिद्धचक्र महापूजन विधि श्री भक्तामर महापूजन विधि श्री अढार अभिषेक महापूजन विधि (प्राप्तिस्थान) शाह संजयभाई पाइपवाळा | श्री अरुणोदय फाउन्डेशन ८९, नवी पोल, फतासा पोल, ३-४, प्रेमचंदनगर, जजीसबंगलो गांधी रोड, अमदावाद - १ | रोड, सेटेलाइट, अमदावाद -१५. Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org

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