Book Title: Acharya Prabhachandra aur uska Pramey kamal Marttand
Author(s): Manikyanandi Sutrakar
Publisher: Z_Mahendrakumar_Jain_Nyayacharya_Smruti_Granth_012005.pdf

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Page 58
________________ १८४ : डॉ० महेन्द्रकुमार जैन न्यायाचार्य स्मृति ग्रन्थ क्रियाकलापटीका और प्रमेयकमलमार्त्तण्ड आदिके कर्ता एक ही प्रभाचन्द्र हैं इसमें कोई सन्देह नहीं रह जाता । प्रशस्तिश्लोकोंकी रचनाशैली भी प्रमेयकमल० आदिकी प्रशस्तियोंसे मिलती-जुलती है । ४. आत्मानुशासन तिलककी प्रति श्री प्रेमीजीने भेजी है। उसका मंगल और प्रशस्ति इस प्रकार हैमंगल - "वीरं प्रणम्य भववारिनिधिप्रपोतमुद्द्योतिताखिलपदार्थमनल्पपुण्यम् । निर्वाणमार्गमनवद्यगुणप्रबन्धमात्मानुशासनमहं प्रवरं प्रवक्ष्ये || " प्रशस्ति "मोक्षोपायमनल्पपुण्यममलज्ञानोदयं निर्मलम्, भव्यायं परमं प्रभेन्दुकृतिना व्यक्तैः प्रसन्नैः पदैः । व्याख्यानं वरमात्मशासनमिदं व्यामोहविच्छेदतः । सूक्तार्थेषु कृतादरै रहरहश्चेतस्यलं चिन्त्यताम् ॥ १ ॥ इतिश्री आत्मानुशासन ( नं ) सतिलक ( कं प्रभाचन्द्राचार्यविरचित ( तं ) सम्पूर्णम् ।” Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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